कैसा असर छोड़ गये वो न आ के जिंदगी में बेख्वाबी,बेचैनी से
ताल्लुक बन गया हमारा
किसी आहट से देखता हूँ दर-ऐ-बज्म की जानिब शायद आ जाए कही से वो मेरे मेहमा बन के
काश देख सकता ये दिल,तो कश्मकश न
होती जी भर के देखता तस्वीर तेरी,सीने से लगाके
Tuesday, December 12, 2017
यूँ तो तुम्हारा हर अंदाज..बेमिसाल हैं
चोरी-चोरी हिज़ाब से झांकना वाकई कमाल हैं....!!
मरने से पहले एक बार खुल के जी लेना...
इसी को कहते हैं जिंदगी से इश्क़ कर लेना..!!
काफी है तेरा अहसास ही जीने के लिये...
रूबरू होने की इतनी ख्वाहिश भी नहीं..
ख़ुद के लिये तो दो कदम भी चलना मुश्किल था मेरा उनकी आरजू में मगर कहा से कहा तक आ गया मै
सच ही कहा है किसीने इश्क को मर्ज यहाँ दवा इसकी कोई नही,बस दिलबर के सिवा
तेरी अदाओं ने सिखाया है इस दिल को धड़कना, खुदा करे तू यु ही जलवे लुटती रहे मेरे जीने के
लिए
Tuesday, December 5, 2017
साथ मेरे हो तुम अगर , तो इस ज़िंदगी
को भी छोड देंगे। एक बार कहकर तो देखो, सारे ज़माने का रुख मोड देंगे॥
जब कुछ नही था हमारे पास, तब भी ना बिके
हम । अब क्या खाक खरीदेगे ये दुनिया वाले हमे ॥
दिल जब टूटता हैं तो आवाज़ नही आती ! हर किसी को मोहब्बत रास नही आती !! ये तो अपने अपने नशीब की बात हैं दोस्त ! कोई भूलता ही नही, किसी को याद ही नही आती !!