Thursday, March 31, 2022

 पंखुरी से अधर-द्वय

तनिक चूम लूं


रंग भर दूं

गोधूली आकाश सा


अधर के दाहिने तरफ

सजा दूं इक तिल


फिर प्रवाहित करूं

चुंबनों की नीर


करूं विद्रोह में

मन की सीमाओं से


तोड़कर चांद गगन से

बाँध दूं आँचल के छोर से


फिर मांग भर दूं

तुम्हारी सितारों से मैं


---- सुनिल #शांडिल्य

Monday, March 28, 2022

 फुरसत के लम्हे हवा हो गए।

महबूब हमारे खफा हो गए।


भागमभाग मे खो गई  जिंदगी,

प्यार के चंद पल जुदा हो गए।


फुरसत के चंद लम्हे उधार दे दो।

दो बाँहों का यार हमें हार दे दो।


सनम घायल हुआ मैं गुलाबों से,

बहुत तरसा प्यार का संसार दे दो।


---- सुनिल #शांडिल्य

Saturday, March 26, 2022

 क्या कहूं कैसा हूं मैं


ख़ुद में क़ैद

ख़ुद में मुक़म्मल हूं

खुद से जीतता हूं

खुद से हारता हूं


जज्बातों में उलझा

सुलझा रहा हूं खुदको


बोझिल आंखो में सिमटे हैं

इश्क के सारे किस्से


जुनून सा है बस

तुझे पाने का 


हर लम्हा मैं

तुम हूं


बस चंद सांसें बची

जो है तेरे हिस्से की


---- सुनिल #शांडिल्य

Thursday, March 24, 2022

 तुम्हें ग़ज़लों का गीत लिखता हूं 

तुम्हें शायर की शायरी लिखता हूं ।


लबों पे लब की प्यास लिखता हूं

मयखाने की पुरानी शराब लिखता हूं ।


शब्दो मे लिखूं तुम्हे वो शब्द ही नही

तुमपर मैं इक पूरी किताब लिखता हूं 


दर्द ए जिगर,दवा बेअसर,तुम्हें

मैं अपने दिल का इलाज लिखता हूं ।


---- सुनिल #शांडिल्य

Tuesday, March 22, 2022

 मैं अक़्सर वीराने में ..

उजाले भरते रोशनदानों से


पेड़ों की शाखों से

मंदिरों के चिरागों से


उनमें बजती घंटियों से ..

सीने में कैद अरमानों से


अलमारी से ताकती क़िताबों से

खुद से ..खामोशी से ..

तुम्हारी बातें किया करता हूँ


और उन बातों को लोग

कविता समझ बैठते हैं ..


---- सुनिल #शांडिल्य

Monday, March 21, 2022

 बीते हुए लम्हों को सम्हाल कर रखना

हम मुरझाए फूल हैं सम्हाल कर रखना


मैं तेरे इश्क की खुशबू से महकूंगा

तू अपने इश्क का गुल खिलाए रखना


जाने कितनी यादे जुड़ी हुई है तेरी मुझसे

इस अहसास को सीने मे है दफन रखना


हां अगर इश्क करना तुझे मेरा गुनाह है 

#शांडिल्य तू खुदको सजा के लिए तैयार रखना 


---- सुनिल #शांडिल्य

Saturday, March 19, 2022

 कुछ प्यारा सा आज मुझे लिखना है

दिल के कोरे कागज पे तुझे लिखना है


दावे इश्क के मुझे नही आते सनम

बस मुझे खुद को तेरे नाम लिखना है


तरसते हैं मेरे होंठ इक मुस्कान को

तुझसे ही मेरी खुशी है,ये लिखना है


बड़ी शिद्दत से मैं तुझे इश्क करता हूं

तुम्हें अपनी आखरी ख्वाहिश लिखना है


---- सुनिल #शांडिल्य

Friday, March 18, 2022

 जीवन है इक बुलबुला 

न जाने कब फुट जायेगा


आज है साथ सांसों का

न जाने कब छूट जायेगा


न बांध गांठ तू किसी से

न जाने कब साथ छूट जायेगा


ढाई लफ़्ज़ है जो प्रेम के

बाद तेरे वही यहा रह जायेगा


अनमोल रिश्ते अहसासों के

फिर तू कहा किस से पायेगा


आज है साथ जी ले साथ

किसे पता कौन कल रह पायेगा 


---- सुनिल #शांडिल्य

Wednesday, March 16, 2022

 दिल देने का एहसास ही कराना,

छीन लेने का एहसास ना कराना ।।


तुम्हारे इश्क का अगर भ्रम है तो,

मुझे इसी भ्रम का अहसास कराना ।।


तेरा इश्क गर सवेरा है तो इसे रहने दो,

सच्चाई के अंधेरे का अहसास ना कराना ।।


तुम इस मन की और सांस की आदत हो,

इसे छीनकर मौत का अहसास ना कराना ।।


---- सुनिल #शांडिल्य

Monday, March 14, 2022

 जाने किस नजर से देखा उसने

जैसे मुझे देखा ही नहीं हो उसने ।


मुझे देख कर जाने कहां खोई खोई है

मुझसे पर कुछ कहना चाहा नही उसने ।


कैसे तार छेडूं मैं अपने दिल का

मेरे प्रेम का गीत सुना नही उसने ।


फूल सुख कर बगिया में मुरझा रहे हैं

आंचल मेरे चेहरे पे लहराया नही उसने ।।


---- सुनिल #शांडिल्य

Friday, March 11, 2022

 वो इश्क इश्क ही क्या ?

जो यार को खुश भी न देख सके

यार की सलामती भी न मना सके


हम थे अकेले अकेले ही रह जाएंगे

यकीन रखना,तुम्हें कभी न भूल पाएंगे


आज फिर इन आंखों में नमी है

अरे यार ये आंसू नहीं बस पानी है


क्या करूं मैं दिल से सोचता हूं

नादान हूं नादान ही रहना चाहता हूं


---- सुनिल #शांडिल्य

Thursday, March 10, 2022

 लिखो एक खत तुम

दिल से दिल के पते पर


शिकायत लिखो

मनमीत लिखो

दर्द लिखो

गीत लिखो

प्रीत लिखो


दिल की हर

एक हसरत लिखो

मन्नत लिखो

जन्नत लिखो

दिल की हरएक

चाहत लिखो


कुछ रंग तेरा

कुछ रंग मेरा

कुछ सवाल तेरे

कुछ जवाब मेरे


अमृत लिखो

मयकश लिखो

अल्फ़ाज़ लिखो


लिखो एक ख़त

तुम दिल से ... 


---- सुनिल #शांडिल्य

Wednesday, March 9, 2022

 कलम मेरी तेरी आंखें हो

कलम मेरी तेरे हुस्न का दर्शन हो


पलकें उठाऊं दीदार तेरा हो

लब खोलें तो बात तेरी हो


कलम मेरी, स्याही तेरी हो

जज़्बात मेरे, सोच तेरी हो


मैं लिखूं ऐसे,जैसे तू साथ खड़ी हो 

मैं गिरूं ऐसे,जैसे तू इश्क़ की चादर हो 


---- सुनिल #शांडिल्य

Monday, March 7, 2022

 मेरी धमनियों में बहता है प्रेम तुम्हारा

लहू का हर कतरा चाहता है प्रेम तुम्हारा!


मेरे मस्तिष्क में चहुं ओर शनेःशने: पनप रहा है

जैसे कोई अमरबेल का बीज हो प्रेम तुम्हारा!


तुम्हारा नाम तुम्हारा अहसास हर पल होता है मेरे साथ

मेरे हृदय की धड़कन में धड़कता है प्रेम तुम्हारा!


---- सुनिल #शांडिल्य

Sunday, March 6, 2022

 जिस दिन मेरी समस्त अश्रुएं

काली स्याही बन जाएगी ..


उस दिन मैं उन्हें कलम में भरकर

तुमपे कविताएं लिखूंगा ..


तुम मेरे पास आओ या ना आओ

मेरी कलम तुम्हें कलमबद्ध करेगी


मैं मौन रहूंगा ..

मेरी खामोशी बोलेगी ..


मैं यूं ही प्रेम तुमसे करूंगा 

अनवरत अनंत काल तक


---- सुनिल #शांडिल्य

Saturday, March 5, 2022

 मैं राजा नहीं पर वो है रानी मेरी ,

 लिखता हूं मैं कहानी मेरी ..


एक ऐसा है एहसास बताना ,

कैसा होता है श्रृंगार बताना ..


साड़ी पहन जब वो आयेगी ,

काजल मैं ही उसे लगाऊंगा ..


बात मोहब्बत की ऐसी होगी ,

की झुककर पायल पहनाऊंगा ..


चूड़ी,कंगन,पायल,बिछिया ,

सब पहन कर सज जाएगी ..


हाथों में हाथ मेरा लिए वो ,

साथ मेरे महफ़िल आयेगी ..


फिर इश्क़ की ऐसी दावत होगी ,

वो होगी और मेरी चाहत होगी ..


फिर होगी एक शाम सुहानी ,

मैं राजा नहीं पर वो है रानी मेरी ..


---- सुनिल #शांडिल्य

Thursday, March 3, 2022

 अशांति कर शांति चाहते है

ख़ौफ़ दिलो में और प्यार चाहते है


तोड़ कर कमर इंसानों की

भला कैसी वो इंसानियत चाहते है


त्रासदी ही पनपती युद्ध से

भला बहाली कैसी सत्ता चाहते है


सहमा हुआ सा विश्व है सारा

चिंगारियों से वो शांति-अमन चाहते है


इंसानियत चाहे दो लफ्ज़ मीठे


---- सुनिल #शांडिल्य