सुकून नहीं रख रखा है
राहत मिल जाती है मुझे
जो तुमसे बात हो जाती है
निगाह उठाकर देख लो
मेरी तरफ एक नजर तुम
पूरी कायनात मुझे अपने
कदमों तले नजर आती है
जाने जां इतनी दिलकश हो
की तुझसे नजर नहीं हटती
जी करता सामने बिठाकर
अपलक तुझे देखता मैं रहूं!
~~~~ सुनिल #शांडिल्य