Wednesday, December 31, 2014


मुबारक  नया साल सबको मुबारक  
मुबारक  नया साल सबको मुबारक  ।।
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गये साल ने क्या क्या मन्ज़र दिखाए ।
कहें क्या क्या इसने अजब गुल खिलाए।।
गये साल को अलविदा कर रहे हैं ।
स्वागत नये साल का कर रहे हैं ।।
मुबारक  नया साल सबको मुबारक  
मुबारक  नया साल सबको मुबारक  ।।
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गये साल ने तोड़ दी कुछ उम्मीदें ।
मगर जाते ही जोड़ दी कुछ उम्मीदें ।।
नये साल में अब वो पूरी करेंगे ।
दिलों में पड़ी दुरी दूर करेंगे ।।
मुबारक  नया साल सबको मुबारक
मुबारक  नया साल सबको मुबारक  ।।
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नया साल आकर पुराना भी होगा ।
मगर जाते जाते यह बदलेगा चोगा ।।
भरेगा उम्मीदें नई हर किसी में ।
जगेंगे नये दीप हर ज़िन्दगी में ।।
मुबारक  नया साल सबको मुबारक  
मुबारक  नया साल सबको मुबारक  ।।


माना ये दूनिया हमें भूल चुकी है
पर आप तो कभी याद कर लिया करों
माना आपके आस पास सारी दुनिया है
पर कभी हमारी कमी का भी अहसास कर लिया करों

जान से भी ज्यादा उन्हे प्यार किया करते थे
याद उन्हे दिन रात किया करते थे,
अब उन राहो से गुजरा नही जाता
जहा बैठ कर उनका ईँतजार किया करते थे

Tuesday, December 30, 2014

ना मैसेज ना फोन ना पिक्चर ना टोन
और बने फिरते हो दुनिया के डोन
जब नंबर लिया था तो कहते थे
कि रोज करेंगे फोन
अब कहते हो कि हम आपके हैं कौन?

आईना हूं मैं मेरे सामने आकर देखो
खुद नजर आओगे आंख मिलाकर देखो
मेरे गम में मेरी तकदीर नजर आयेगी
डगमगा जाओगे मेरे दर्द उठा कर देखो।

जिंदगी एक तोहफा है.... (कबूल किजिये)
जिंदगी एक एहसास है.... (महसूस किजिये)
जिंदगी एक दर्द है.... (बाँट लिजिये)
जिंदगी एक प्यास है.... (प्यार दिजिये)
जिंदगी एक मिलन है.... (मुस्कुरा लिजिये)
जिंदगी एक जुदाई है.... (सब्र किजिये)
जिंदगी एक आंसू है.... (पी लिजिये)
जिंदगी आखिर जिंदगी है.... (जी लिजिये).


हर तमन्ना आपकी पूरी हो जाए
सपनो की दुनिया हकीकत हो जाए
हो जाए आपका मुकद्दर कुछ इस कदर रोशन..
कि आँखें खुलने से पहले हर दुआ कबूल हो जाए

हकीकत जान लो जुदा होने से पहले,
मेरी सुन लो अपनी सुनाने से पहले,
ये सोच लेना भुलाने से पहले,
बहुत रोई है ये आँखे मुस्कुराने से पहले

प्यासे को इक कतरा पानी काफी है,
ईश्क मे चार पल की जिंदगी काफी है,
डुबने को समँदर मे जायेँ क्यो,
उनकी पलको से टपका वो आँसु ही काफी है

जिन्दगी से परेशान हैं लोग इस जहान में,जिन्दगी जी कर दिखाने वाला कोई-कोई है

नफरत ही नफरत है हर दिल में आजकल
पैगाम मोहब्बत के पढ़ने वाला कोई-कोई है

दोस्त तो बहुत मिल जाते है हर राह में
पर दोस्ती निभाने वाला कोई-कोई है

ना जिन्दगी चाहती है ना मौत मुझे
यहाँ जिन्दगी को समझ पाने वाला कोई-कोई है

Sunday, December 28, 2014

हम नजरो से दूर हैं आँखों से नहीं !
हम ख्वाबो से दूर हैं खयालो से नहीं !!
हम दिल से दूर हैं धड़कनो से नहीं !
हम आपसे दूर हैं आपकी यादो से नहीं !!

सबसे उसने दोस्ताना बना रखा हैं !
हर किसी को अपना दीवाना बना रखा हैं !!
हर कोई देख लेता हैं उसकी सूरत में अपनी सूरत !
जैसे उसने अपनी सूरत पे कोई आईना लगा रखा हैं !!

वो मेरी चाहत को यूँ आजमाते रहे
गैरों से मिल के दिल को जलाते रहे
मेरी मौत के बाद भी जालिम को न आया रहम
ला कर फूल मेरे बाजू वाली कब्र पर चढ़ाते रहे

रूठे हुए को मनाना जिंदगी हैं !
दुसरो को हँसाना जिंदगी हैं !!
कोई जीत कर खुश हुवा तो क्या हुवा !
सब कुछ हार कर मुश्कुराना जिंदगी हैं !!

हर खामौशी में दो बात होती हैं !
हर दिल में एक याद होती हैं !!
आपको पता हो या न हो ...!
आपकी ख़ुशी के लिए रोज हमारी दुआए होती हैं

Saturday, December 27, 2014

एक काँच ने पत्थर से मोहब्बत करली !
टकरा कर उससे अपनी जिंदगी चकनाचूर करली !!
काँच की दीवानगी तो देखिए......!
अपने हजारो टुकडो में भी उसकी तस्वीर भरली !!

अपने लिए भी वक्त नही जब पास किसी के
क्या आएगा शख्स कोई फिर काम किसी के

करता है सो भरता है अब नही जरूरी दुनिया में
करता है कोई और आ जाते इल्जाम किसी पे

गिरते गिरते किस हद तक देखो गिर गये लोग
कासिद है किसी का और पहुंचे पैगाम किसी के

हर हाथ में है आईना तो दूजो को दिखाने की खातिर
खुद को देखे बिन बीते कितने सुबह शाम किसी के

थी प्यास समुन्द्र पीने की, दो घूँट पिला टाला तूने
अब तुम ही कहो हम क्या माने अहसान किसी के

मयखाने तेरे में रहे तो प्यास बुझाने जाते कहाँ
क्यों जीभ फेरते होंठो पे बीते फिर सुबह शाम किसीके

किसको तमन्ना थी साकी तेरा मयखाना छोड़ने की
मज़बूरी में ही ढूंढे हमने सुराही जाम किसी के

इस मयखाने में आने से कुछ भी नही होना हासिल
साकी ही प्यासा है तो क्या भर पायेगा जाम किसी के

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लफ्जो की तरह दिल की किताबो में मिलेंगे
या बन के महक गुलाबो में मिलेंगे 
मिलने के लिए ऐ दोस्त जरा जल्दी सोना 
आज हम तुमसे तुम्हारे ख्वाबो में मिलेगे

टुकड़े-टुकड़े दिन बीता,
धज्जी-धज्जी रात मिली।
जिसका जितना आंचल था,
उतनी ही सौग़ात मिली।।
जब चाहा दिल को समझें,
हंसने की आवाज़ सुनी।
जैसे कोई कहता हो, लो
फिर तुमको अब मात मिली।।
बातें कैसी ? घातें क्या ?
चलते रहना आठ पहर।
दिल-सा साथी जब पाया,
बेचैनी भी साथ मिली।।


पास आकर सभी दूर चले जाते हैं 
अकेले थे हम अकेले रह ही जाते हैं इस दिल का दर्द दिखाएं किसे 
मरहम लगाने वाले ही ज़क्म दे जाते हैं 

Friday, December 26, 2014

चंद लम्हों की जिंदगानी है
नफरतों से जिया नहीं करते ,
लगता है दुश्मनों से गुज़ारिश करनी पड़ेगी
दोस्त तो अब हमे याद नहीं करते

तेरी बेरुखी को भी रुतबा दिया हमने . 
प्यार का हर फ़र्ज़ अदा किया हमने .
मत सोच के हम भूल गए हैं तुझे
आज भी खुदा से पहले तुझे याद किया हमने

अगर तू वजह न पूछे तो एक बात कहूँ ....!
बिन तेरे अब हमसे भी जिया नहीं जाता ....!!
मुहब्बत का अज़ल से एक यही दस्तूर है .....!
जो इसको जान लेता है ,ये उसकी जान लेता है ....!!


हो न रंगीन तबीयत भी किसी की या रब
आदमी को यह मुसीबत में फँसा देती है
निगहे-लुत्फ़ तेरी बादे-बहारी है मगर
गुंचए-ख़ातिरे-आशिक़ को खिला देती है

दिल से दिल की दूरी नहीं होती
काश कोई मज़बूरी नहीं होती
आपसे अभी मिलाने की तमन्ना है
लेकिन कहते हैं हर तमन्ना पुरी नहीं होती

Wednesday, December 24, 2014

सब कुछ मिला सकून की दौलत नहीं मिली !
तुझसे मुलाक़ात की मोहलत नहीं मिली....!!
करने को और भी काम थे मगर !
हमको तेरी याद से फुरसत नहीं मिली !!

ये दोस्ती चिराग हैं जलाए रखना !
दोस्ती खुशबू हैं महकाए रखना....!!
हम रहे आपके दिल में हमेशा के लिए !
इतनी जगह दिल में हमारे लिए बनाए रखना !!

दुश्मनों ने तो ज़ख्म देने ही थे,ये उनकी फितरत थी!
दोस्तों ने भी जब दगा कीया,यह हमारी किस्मत थी!!

फिर चुपके से याद आ गया कोई,मेरी आखों को फिर रुला गया कोई,कैसे उसका शुक्रिया अदा करें,मुझ नाचीज़ को शायर बना गया कोई.

भूलाना तुम्हे ना आसान होगा
जो भूले तुम्हे वो नादान होगा
आप तो बसते हो रूह में हमारी
आप हमें ना भूले ये आपका अहसास होगा

Tuesday, December 23, 2014

जिंदगी एक उड़ान है
सुख और दुःख इसमे एक समान है
लगता है देखकर दूसरों को उड़ना आसान है
पर आती है कितनी मुश्किलें हम तो अन्जान है
जिंदगी की इस दौड़ में हर कोई मेहमान है
पुरे कर लिए अपने सपने जिसने , वो ही महान है
कुछ ऐसे लोग भी है जो जिन्दगी से परेशान है
हार कभी न मानना, ये तो जिन्दगी का इम्तहान है
जिन्दगी दिखा रही है हर रोज खेल नए , हमें इसका गुमान है
कभी कुछ खो के , कभी कुछ पा के हम हैरान है
जो हार गया समय से पहले , तो ये जिन्दगी का अपमान है
मिली है बड़ी मुश्किलों से ये जिन्दगी , ये ऊपर वाले का अहसान है
गिर कर फिर सभलना ही जिन्दगी की पहचान है
जो दुसरो के लिए कुछ कर जाए , तो ये जिन्दगी की शान है
जिंदगी एक लम्बी उड़ान है
सुख और दुःख इसमे एक समान है


आ जरा ओ मेरे दिलबर, बात दो चार करें,
दो घड़ी ही सही आ प्यार सिर्फ़ प्यार करें ।

गिले शिकवों से कोई आज सरोकार न हो,
प्यार ही प्यार सिर्फ़ प्यार का इज़हार करें ।

कुछ पहल तुम भी करो, चन्द कदम हम भी बढें,
जिन्दगी भर न सही, सफ़र तो एक बार करें ।

किसने कितने हैं सहे जुल्मो सितम तो जानें,
आ मिलाकर जरा नज़रों से नज़र चार करें ।

जुड़ तो सकते वो नहीं ख्वाब जो अब टूट चुके,
कोई झूठा ही सही, ख्वाब सा साकार करें ।

क्या पता रूह में जज़्बात सा कुछ जिन्दा हो,
आ सवालात जरा रूह से इस बार करें ।

आ जरा ओ मेरे दिलबर बात दो चार करें,
दो घड़ी ही सही आ प्यार सिर्फ़ प्यार करें ।

--हरीशचन्द्र लोहमी 


Monday, December 22, 2014

दिल तो तोड ही दिया आपने,अब चिता भी जला देना,
कफ़न ना मिले तो,ये दुपट्टा ही ओढ़ा देना,
कोई पुछे कि बिमारी क्या थी हमें,
तो नजरे झुका के मोहब्बत बता देना

होंठ कह नही सकते जो फ़साना दिल का,शायद नजरों से वो बात हो जाए,इसी उम्मीद में इंतजार करते हैं रात का,कि शायद सपनों मे ही मुलाकात हो जाए.

अपने दिल की बात उनसे कह नहीं सकते,
बिन कहे भी जी नहीं सकते,
ऐ खुदा! ऐसी तकदीर बना,
कि वो खुद हम से आकर कहे कि,
हम आपके बिना जी नही सकते.

Sunday, December 21, 2014

वो तो दिवानी थी मुझे तन्हां छोड गई,
खुद न रुकी तो अपना साया छोड गई,
दुख न सही गम इस बात का है..
आंखो से करके वादा होंठो से तोड गई.

तेरी कसम हम को तेरी यादें बहुत आती है
हमे हर पल सताती है
अब तो नहीं लगता दिल हमारा
तुम्हारे बिन अब हर धड़कन रुलाती है

जगाया उन्होंने ऐसा की आज तक सो ना सके ,
रुलाया उन्होंने ऐसा की सबके सामने रो भी ना सके ,
जाने क्या बात थी उनमे ,
जबसे माना उन्हें अपना तबसे किसी के हो ना सके

'प्यार'
सच है
सबकुछ है
बहुत खूबसूरत होता है
अगर वो खूबसूरत नहीं तो भी
सबसे खूबसूरत ही लगता है
तर्क नहीं चलते
जिसे चाहता है दिल
आंखें ढूंढती हैं
मन पहचान लेता है
मन जानता है
कहां है वो ?
और कदम ख़ुद-ब-ख़ुद चल पड़ते हैं वहां ।।

तुम्हे जब मुझ से ज्यादा गैर प्यारें हैं,
फिर मेरी याद मे तुम तडपती क्यो हो,
तुमने ही पावंदी लगाई है मुलाकातो पर,
फिर अब राहें मेरी तुम तकती क्यों हो.

Friday, December 19, 2014

पत्थर से दिल लगा कर बर्बाद हो गए,
दिल शाद था मगर अब नाशाद हो गाए,
जिनके वफाओं पर ऐतबार था 'आज़ाद',
करके हमे तबाह वह खुद आबाद हो गए।

वक्त के साथ हालात बदल जाते हैं,
अपनो तक के ख्यालात बद्ल जाते हैं,
जब बुरा वक्त आता है 'प्यारे'
खुद अपने ही ज़्ज़बात बदल जाते हैं.

कोई गम नही एक तेरी जुदाई के सिवा,
मेरे हिस्से मे क्या आया तन्हाई के सिवा,
मिलन की रातें मिली, यूँ तो बेशुमार,
प्यार मे सबकुछ मिला शहनाई के सिवा

बाद मुद्दत के मुस्कुराने की रात आयी है,
हर एक वादा निभाने की रात आयी है,
वह जो दूर रहा करते थे साये से भी कभी,
सीने से उनको लगाने की रात आई हैं.



कोई आया न होगा आपकी जिन्दगी मे,हमारे जैसा .
कोई आएगा भी नही आपकी जिन्दगी मे ,हमारे जैसा .
एक बार मुस्कराके देख लो थोडा ,
ढूढ़ने पर भी मिलेगा नही कोई हमारे जैसा ।


Thursday, December 18, 2014

जिंदगी से खेलकर कितने लोग चले गये
कोई हमरे लिए ठहरा नही ।
और हम वही ठहर गए,दुनिया चल रही है अपनी तरह ,
किसी ने हमे अपना कहा नही।
और हम सबको अपना बनाते चले गए।

प्यार की तड़प को दिखाया नहीं जाता ,
दिल में लगी आग को बुझाया नहीं जाता ,
लाख जुदाई हो प्यार में मगर
ज़िन्दगी का पहला प्यार भुलाया नहीं जाता …!

सारी उम्र ज़िन्दगी से दूर रहे ,
तेरी ख़ुशी के लिए तुझसे दूर रहे ,
अब इससे बढकर वफ़ा की सजा क्या होगी ,
की तेरे होकर भी तुझसे दूर रहे !

यूँ तो इश्क हो जाता है बस चन्द कदम साथ चलकर के
पर ये मोम नहीं जो खत्म हो जाये बस थोडी देर जल कर के
लकडी जल कर कुछ देर में ही कोयला हो जाया करती है
पर कोयले से हीरा बनता है सैकडो साल घुटन सह कर के

Wednesday, December 17, 2014

प्यार की दास्तां जब भी वक्त दोहरायेगा!
हमे भी एक शख्स बहुत याद आयेगा!
जब उसके साथ बिताये लम्हें याद आयेंगे!
आँखें नम हो जायेगी, दिल आंसू बहायेगा!