कहीं फ़ीरोज़ी,कहीं-कहीं पीले
लाल,गुलाबी,काले,नीले
किस्म किस्म की तस्वीरों में
रंग भरे हैं सूखे-गीले
सबके चेहरे अलग-अलग हैं
मोह का घूँघट एक है
सब जायेंगे आगे-पीछे
हाथ पसारे,आँखें मींचे
स्वर्ग-नरक,सब झूठी बातें
ना कोई ऊपर,ना कोई नीचे
सबकी वही एक डगरिया
मौत की करवट एक है!
---- सुनिल #शांडिल्य