Friday, August 8, 2014

सियासी आदमी की शक्ल तो प्यारी निकलती है,
मगर जब गुफ्तगू करता है चिंगारी निकलती है,
लबों पर मुस्कराहट,दिल में बेजारी निकलती है,
बड़े लोगों में ही अक्सर ये बीमारी निकलती है ...

तमन्ना जब किसी की नाकाम होती है,
जिन्दगी उस की एक उदास शाम होती है,
दिल के साथ दौलत ना हो जिस के पास,
महोब्बत उस गरीब की निलाम होती .


हर यादों में उनकी याद रहती हैं !
मेरी आँखों को उनकी तलाश रहती हैं !!
दुवा करो वो मुझको मिल जाए यारों !
सुना हैं दोस्तों के दुवा में फरिश्तो की आवाज़ होती हैं


Thursday, August 7, 2014

साम की समा में एक तस्वीर नज़र आती हैं |
तब इस होठों से एक बात निकल आती हैं ||
कब होगी तुमसे जी भर के बातें......|
बस यही सोच के हर साम गुजर जाती हैं


मेरे दिल में तस्वीर हे तेरी , निगाहों में तेरा ही चेहरा है,
नशा आँखों में मुहब्बत का , वफ़ा का रंग ये कितना सुनहरा है, 
दिल की कश्ती कैसे निकले अब चाहत के भंवर से,
समंदर इतना गहरा है , किनारों पर भी पहरा है !!!

मेरी आँखों में मुहब्बत के जो मंज़र है, 
तुम्हारी ही चाहतों के समंदर है ,
में हर रोज चाहता हु की तुझसे ये कह दू मगर
लबो तक नहीं आता , जो मेरे दिल के अन्दर है!!!!!

मेरे खुदा मुझे इतना तो मोतबर कर दे 
मैं जिस मकान में रहता हूँ उसको घर कर दे ,
मैं ज़िन्दगी की दुआ मांगने लगा हूँ बहुत 
जो हो सके तो दुआओं को बेअसर कर दे |


मोतबर= विश्वसनीय

भीड़ इतनी थी कि दर्शन पास से सम्भव न था
दूर से ही देख आए हम उछल के देवता |
कामना पूरी न हो तो सब्र खो देते हैं लोग
देखते हैं दूसरे ही दिन बदल के देवता |

Wednesday, August 6, 2014

मुझे किसी से मुहब्बत नहीं, उनके सिवा 
मुझे किसी की ज़रुरत नहीं है, उनके सिवा 
मेरी नज़र को थी तलाश जिसकी 
किसी के पास वो सोहरत नहीं है, उनके सिवा


बंद मुट्ठी से उड़ जाती है जो किस्मत की परी 
इस हथेली में कोई छेद पुराना होगा 
घाव कितना भी पुराना हो, बहरहाल उसे 
बिगड़े मौसम की शरारत से बचाना होगा

रोने में इक ख़तरा है तालाब नदी हो जाते हैं
हंसना भी आसान नहीं है लब ज़ख़्मी हो जाते हैं


इस्टेसन से वापस आकर बूढ़ी आँखें सोचती हैं
पत्ते देहाती रहते हैं फल शहरी हो जाते हैं

बोझ उठाना शौक कहाँ है मजबूरी का सौदा है
रहते - रहते इस्टेशन पर लोग कुली हो जाते हैं

सबसे हंसकर मिलिये-जुलिये लेकिन इतना ध्यान रहे
सबसे हंसकर मिलने वाले रुसवा भी हो जाते हैं

आदमी आदमी से मिलता है
दिल मगर कम ही किसी से मिलता है
मैं भूल जाता हूँ हर सितम उसके
वो कुछ इस सादगी से मिलता है
आज क्या बात है की फूलों का रंग 

तेरी हंसी से मिलता है॥

हम सहने-गुलिस्ताँ में अक्सर, 
यह बात भी सोचा करते हैं,
यह आंसू है किन आंखों के 
फूलों पै जो बरसा करते हैं।

Tuesday, August 5, 2014

दुनिया में अकेले आए है,अकेले ही जायेंगे,
लाये है यादें,यादें ही देकर जायेंगे.
पर यादें भी ऐसी दे जायेंगे, 
कि उम्र भर हम आपको याद आएंगे.

रोज तारीख बदलती है, रोज दिन बदलते हैं... 
रोज अपनी उमर भी बदलती है... 
रोज समय भी बदलता है... 
हमारे नजरिये भी वक्त के साथ बदलते हैं... 
बस एक ही चीज है जो नहीं बदलती...
और वो हैं हम खुद और बस ईसी वजह से 
हमें लगता है कि अब जमाना बदल गया है........।।।

साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ


जिंदगी पथ है मंजिल की तरफ जाने का,
जिंदगी नाम है तूफानों से टकराने का.
मौत तो बस चैन से सो जाने की बदनामी है,
जिंदगी गीत है मस्ती से सदा गाने का.. 

तेरी निगाह से ऐसी शराब पी मैंने
फिर न होश का दावा किया कभी भी मैंने 
वो और होंगे जिन्हें मौत आ गई होगी
निगाहे - यार से पाई है जिन्दगी मैंने।

Saturday, August 2, 2014

तंग आ गये कश्म्क्शे जिंदगी से हम ...
ठुकरा ना दे जहान तो कही बेबसी से ह्म

लो आज हमने छोर्र्ह दिया रिश्ता ए उमीद 
लो अब कभी किसी से गिला ना करेगे हम 

पर जिंदगी मे मिल गये इत्तेफ़ाक से 
पुछेगे अपना हाल तेरी बेबसी से हम


हर दर्द को दफ़न कर गहराई में कहीं ,
दो पल के लिए सब कुछ भुलाया जाए.
रोने के लिए घर में कोने बहुत से हैं ,
आज महफ़िल में चलो सब को हंसाया जाए.....

दोस्त प्यार से भी बड़ा होता है;
हर सुख और दुःख में साथ होता है;
तभी तो कृष्ण राधा के लिए नहीं, 

सुदामा के लिए रोता है

दोस्तो के लिए दोस्ती की सौगात होगी,
नये लोग होंगे नयी बात होगी,
हम हर हाल मे मुस्कुराते रहेंगे,
आपकी प्यार भरी दोस्ती अगर यूँही साथ होगी.


तूफानों से आँख मिलाओ, सैलाबों पे वार करो,
मल्लाहों का चक्कर छोड़ो, तैर के दरिया पार करो
फूलों की दुकाने खोलो, खुशबू का व्यापार करो,
इश्क ख़ता है, तो ये ख़ता इक बार नहीं सौ बार करो


Friday, August 1, 2014

कभी तो आसमां से चाँद उतारे जाम हो जाए
तुम्हारे नाम की इक खूबसूरत शाम हो जाए
उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो,
ना जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाए


इक ज़ख्मी परिंदे कि तरह जाल में हम हैं
ए इश्क अभी तक तेरे जंजाल में हम है
हंसते हुए होठों ने भरम रखा हमारा ,
वो देखने आया था किस हाल में हम है


ये ज़िन्दगी का मुसाफ़िर, ये बेवफ़ा लम्हा,
चला गया, तो कभी लौटकर न आएगा ।
अपने अंधेरों का 
इलाज ख़ुद  करो,
कोई चराग़ जलाने इधर न आयेगा ।


हर कोई हर किसीका यार नही होता,
हर दोस्त वफादार नही होता,
यह तो दिल मिलने की बात है,

वर्ना सात फेरो मे भी प्यार नही होता ।

जहां में कौन किसी को क्या देता है , 
आदमी तो फक्त बहाना है खुदा देता है;
वो देगा जहन्नुम भी तो करूंगा शुक्र अदा, 
कोई अपना समझ कर सजा देता है.