Sunday, August 27, 2023

नूरानी चेहरा है,आँखें मस्तानी
कातिल अदा है, दिलकश जवानी

कहां लेकर जाओगे है दुनियां फरेबी
कर लो हमीं से, मुहब्बत ओ जानी

रखूंगा तुम्हें मैं पलकों पे सजाकर
बन जाओ मेरी तुम सपनों की रानी

कब तक तन्हां चलोगे राहे ज़िंदगी में
मुश्किल सफर है करो ना नादानी

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

Friday, August 25, 2023

साहित्य के सरस हिडोलों पर ..
रह रह मनुहार बरसते हैं 
नद निर्झर सागर के सपने ..
लहरों की पलक पर  तिरते हैं 

ये काव्य जगत की सुन्दरता ..
भरती है पुलक लताओं में 
कांपती सी तन की परछाईं .. 
भरती सिरहन सी हवाओं में 

छन छन जल बूँदों के नूपुर .. 
बँधते हैं सृष्टि के  पाँवों में,
सतरंगी इन्द्र धनुष आभा ..
रचती है मेंहदी भावों में।

मधु स्वर-लहरी झंकृत हो कर ..
गूंजे जब दसों दिशाओं में,
अनुपम तरँग ध्वनि छा जाये  ..
बंधन को तोड़ फ़िज़ाओं में।

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

Saturday, August 19, 2023

खुद को इतना मत बचाया कर
बारीशें हो तो भीग जाया कर
चाँद लाकर कोई नही देगा
अपने चेहरे से जगमगाया कर
काम ले कुछ हसीन होथों से
बातों बातों में मुस्कुराया कर
धुप मायुस लौट जाती है
छत पे कीसी बहाने आया कर
कोन कहेता है दिल मिलाने को....
कम से कम हाथ तो मिलाया कर...!!

~~~~ सुनिल #शांडिल्य 

@everyone

Thursday, August 17, 2023

धो ले, साफ़ सफाई करले
दिलकश नई रंगाई करले
दिल के आंगन सजा रंगोली
फिर से सजी-सजाई कर ले

अपने अंदर के कमरों में
भरा रह गया अंधकार तो
करले दिल की दुनिया रोशन
खुद में ज्योत जलाई कर ले

दीप जले अपने अंदर जब
सब संशय मिट जाते हैं
उजियारी सोचों की खुद में
खुद ही उगा, उगाईं कर ले

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

Monday, August 14, 2023

तू है तो गुले गुलजार कुछ नहीं
तेरे बिना मौसमें बहार कुछ नहीं।

फजाएं रंग बदलती तुझे देख कर
जुल्फें जो महके बयार कुछ नहीं

तू सामने तो है मगर साथ में नहीं
बैचेनी दिल में है करार कुछ नहीं

ये अधुरा पन और सुना सा मन
है खाली दिले दयार कुछ नहीं।।

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

Saturday, August 12, 2023

सुना है,तुम करती थी नफरत हमसे
रास्ता बदल लेती थी कतराकर हमसे

ना मालूम क्या हुआ है तुम्हारे दिल को
तड़पती अब अपना नाम सुनने को हमसे

इश्क और नफरत की सरहद छोटी होती है
जाने कैसे ये हद टूटी,तुम्हें हुआ इश्क हमसे

आज तुम ठहरी हुई हो मुंतजिर होकर
तरसती निगाह लिए मिलने को हमसे !

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

Sunday, August 6, 2023

रिक्त धरा व शून्य क्षितिज है
तुम बिन सब खाली-खाली

सृष्टि सृजन कभी न कर पाती
तुम बिन जीवन खाली-खाली

ममता करूणा नेहों का बंधन
प्रेम बिन सब खाली-खाली

यश कीर्ती वैभव की रुतबा
नारी बिन सब खाली-खाली

शून्य जगत की श्रेष्ठ धरोहर
तुम बिन दुनिया खाली-खाली

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

Thursday, August 3, 2023

जब भी जुबां पै मेरे कोई सवाल आएगा
तब-तब बस तेरा ही ख़्याल आएगा

मंजिलों का पाना इतना आसान तो नहीं
हर कदम तेरे बिना राहों में डग-मगाएगा

माना कि तुम खफा हो खूब हमसे
शिकायतों का तूफान तो एक बार आएगा

तेरे दिल तक जाने का रास्ता साफ है मगर
जमाना बड़ा ज़ालिम है उंगलियाँ उठाएगा

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

Wednesday, August 2, 2023

एक दिन है जो गुजरता है तिरी ख्वाहिश में
एक है रात जो ख्वाबों में गुजर जाती है

एक चाहत है जो मुद्दत से बसी है दिल में
एक हसरत है जो होंठों पे बिखर जाती है

एक दिल है जो तेरे बिन उदास रहता है
एक दुनिया है तुझे मिल के संवर जाती है

एक अम्बर है जो ढकता है मेरे गम सारे
एक बदली है जो आँखों से बरस जाती है,,

एक सागर है जिसे कैद किये हैं दिल मे,,
एक नदिया है जो बातों में उफ़न जाती है,,

एक दौलत है जो कोठों पे मचलती रहती,,
इक फकीरी है जो भूखों पे रहम खाती है

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

Tuesday, August 1, 2023

तेरी तलब मुझे लगने लगी हैं 
जब से सावन की आग लगी है 
भरे नज़ारो के बीच हमको 
तेरी तस्वीर दिखने लगी है l
मेरी चाहत को मेरे लम्हों को 
मैंने तुझपे वार दिया 
तेरी नफरत जितनी भी हो 
जाना मैंने तो प्यार ही किया l
ओ मेरे यारा ओ दिलदारा 
तुझ बिन जिना नहीं है गंवारा 

~~~~ सुनिल #शांडिल्य