Saturday, December 31, 2022
Friday, December 30, 2022
Thursday, December 29, 2022
Tuesday, December 27, 2022
Monday, December 26, 2022
Saturday, December 24, 2022
Friday, December 23, 2022
Thursday, December 22, 2022
Wednesday, December 21, 2022
Monday, December 19, 2022
Sunday, December 18, 2022
Friday, December 16, 2022
Thursday, December 15, 2022
Tuesday, December 13, 2022
Monday, December 12, 2022
Sunday, December 11, 2022
Saturday, December 10, 2022
Friday, December 9, 2022
Wednesday, December 7, 2022
Tuesday, December 6, 2022
Monday, December 5, 2022
चंचल
Sunday, December 4, 2022
बसंत
Saturday, December 3, 2022
पूर्णमासी
Thursday, December 1, 2022
किन्नर
Wednesday, November 30, 2022
Thursday, November 24, 2022
Wednesday, November 23, 2022
Monday, November 21, 2022
Sunday, November 20, 2022
Saturday, November 19, 2022
Friday, November 18, 2022
चांदनी
Thursday, November 17, 2022
Wednesday, November 16, 2022
Tuesday, November 15, 2022
Saturday, November 12, 2022
Friday, November 11, 2022
Wednesday, November 9, 2022
Tuesday, November 8, 2022
Monday, November 7, 2022
Saturday, November 5, 2022
Thursday, November 3, 2022
Tuesday, November 1, 2022
Monday, October 31, 2022
Sunday, October 30, 2022
Saturday, October 29, 2022
शायरी
Friday, October 28, 2022
Thursday, October 27, 2022
Sunday, October 23, 2022
कौन कहता है मुझे दर्द का एहसास नहीं।
वहम तो है कि मुझे इश्क का विश्वास नही।
आईना हूं नहीं कि जख्म दिखाऊं तुमको,
जिंदगी उदास है कि तुम मेरे पास नहीं।
बिछड़े हुए पल हैं, यादें हैं और गम भी हैं,
वक्त गुजर जाता है और कोई आस नहीं।
जैसे तुमने चाहा,मगर वैसा बन न सका,
जैसा मैं हूं तुम्हारे लिए कोई खास नहीं।
ये मोहब्बत है,तमाशा कोई नुमाइश नहीं,
भरम क्यों है के मुझको कोई प्यास नहीं।
कैद जज्बात हैं अब रूबरू कैसे कह दूं,
तुम्हारी परछाई भी मेरे आस-पास नहीं।
यादों की मौजें तो बहती चली जाती हैं,
दिल की बातों से तुम को कोई रास नहीं।
दर्द उबलता है तो अश्क निकल आते हैं,
विह्वल वो समझते हैं मुझे कोई फांस नहीं
---- सुनिल #शांडिल्य
Saturday, October 22, 2022
Tuesday, October 18, 2022
Sunday, October 16, 2022
Friday, October 14, 2022
Thursday, October 13, 2022
Wednesday, October 12, 2022
कुछ कहता हूँ तुम्हें,
कुछ कहते कहते रह जाता हूँ,
कुछ लिखता भी हूँ तुम्हें,
कुछ लिखते लिखते रह जाता हूँ।
कुछ करीब आता हूँ तुम्हारे,
कुछ करीब आते आते रह जाता हूँ,
कुछ दूर भी जाता हूँ तुमसे,
कुछ दूर जाते जाते रह जाता हूँ।
कुछ मिलता हूँ तुमसे,
कुछ मिलते मिलते रह जाता हूँ,
कुछ ना कहते हुए भी सब कह जाता हूँ
मगर सम्पूर्ण हूँ तुमसे ही,संतृप्त भी हूँ तुमसे ही,
तुमसे ही सदा प्रज्ज्वलित रह जाता हूँ।
कुछ कहता हूँ तुम्हें,
कुछ कहते कहते रह जाता हूँ,
कुछ लिखता भी हूँ तुम्हें,
कुछ लिखते लिखते रह जाता हूँ।
---- सुनिल #शांडिल्य
Tuesday, October 11, 2022
Monday, October 10, 2022
सुना है आज उसकी पूरी कलाएं होंगी।
सुहानी भीनी भीनी ठंठी हवाएं होंगी।
धरा पे सारा का सारा दुलार बरसेगा।
सुना है आज आसमां से झरेगा अमृत।
भोग की खीर में आरोग्य भरेगा अमृत।
धवल सी ज्योत्स्ना में सबका हृदय हरषेगा
आज मधुबन में बांसुरी सुरीली बाजेगी।
हजारों श्याम होंगे संग में गोपी साजेगी।
गगन से राधा रानी का श्रंगार बरसेगा।
सुना है आज चंद्रमा से प्यार बरसेगा।
---- सुनिल #शांडिल्य
Sunday, October 9, 2022
फ़लक पर पूरा चाँद,
जब मेरी खिड़की
के रास्ते..
चाँदनी बिखेरता है,
मेरे आँगन में..
मन करता है उस,
चाँदनी को कलम में
भर कर..
एक नज़्म तुम्हारे,
नाम लिखूं..
मुश्किल भी तुम_हो
हार भी तुम_हो
और बया करु
होती है जो मेरे सीने में
वो हलचल भी तुम_हो,
जो ऑखे झूकी तेरी
सारी कायनाथ तेरे
दामन में सिमट गयी !
सुनो ...
जलजले सी
मोहब्बत तेरी !!
दिल में कोहराम
मचा देती है !!
मगर...
जिंदगी सँवारने को तो
जिंदगी पड़ी है"
वो लम्हा सँवार लो
जहाँ जिंदगी खड़ी है,
---- सुनिल #शांडिल्य
Saturday, October 8, 2022
सुमन सुशोभित सुरभित सरसिज,
संग सरिता श्रृंगार लिए।
मंथर- मंथर मुदित मृदुलता,
मादक मन मनुहार लिए।।
अंक. लिये निज निश्छल उर मे,
भावप्रवण बह रही सरिता।
कुसुमकली की कलियाँ कैसे,
कल-कल कल कह रही कविता।।
पुलकित प्रेम चुमि प्रियतम पदतल,
पंकज प्रीत संवार लिए।
मंथर- मंथर मुदित मृदुलता,
मादक मन मनुहार लिए।।
भावप्रबल उत्कट अभिलाषा,
वह लिये हृदय के द्वार खड़ी।
बह आये निर्झर से नयना,
अंंसुवन जल पग धार पड़ी।।
चंचल चित्त चपल चन्द्रिका,
निज चिंंतित चित्त विस्तार लिए।
---- सुनिल #शांडिल्य
Friday, October 7, 2022
Thursday, October 6, 2022
Wednesday, October 5, 2022
नही मिलना कभी मुमकिन
मगर तुम साथ हो मेरे,
जो मिलकर भी नही मिलते
वही एहसास हो मेरे।
तुम्हारी यादों का दरिया
मेरे दिल मे समाया है,
कभी आंखों में बन आसूँ
नज़र सागर सा आया है।
जगा था, रात भर मैं तो
चाँद भी मुस्कराया था,
कहाँ मिलते हैं रात और दिन
कहानी गुनगुनाया था।
गया था मैं, नदी के पास
कहने अपने दिल की बात,
नहीं मिलते किनारे हैं
ये लहरों ने बताया था।
शिकायत किससे मैं करता
क़िस्मत की लकीरों की,
विरह की वेदना झेली
जहाँ पर खुद विधाता ने।
---- सुनिल #शांडिल्य
Saturday, October 1, 2022
कितना आनंद देती हैं
एकांत के पलोँ मेँ
मेरी आत्मा में बसी तुम्हारी हँसी
जब समय की बूंदेँ
धीरे-धीरे रिसती हैं
सुबह का मुख चूमकर
रात जाती है और चारों तरफ
तुम्हारी खुशबू बिखर जाती है
तब होता है एक ऐसा सबेरा
जब तुम
थोड़ा बतियाती थोड़ा इठलाती
अपनी लटोँ को उड़ाती
अठखेलियां करती
मेरे ख्यालों में आती हो
तब कुछ खामोश संवाद
कुछ साझा सपने
जो हमने देखे हैँ
उनके पूरा होने की उम्मीद बनती है
पर जानता हूँ
ये एक कल्पना है लेकिन
यही मेरा सपना है...
---- सुनिल #शांडिल्य
Thursday, September 29, 2022
Wednesday, September 28, 2022
Thursday, September 22, 2022
Tuesday, September 20, 2022
Sunday, September 18, 2022
Saturday, September 17, 2022
Friday, September 16, 2022
रूह को भिगो कर
इक ज़िस्म तराशा है,
चाँद को फ़लक से ज़मीं पे उतारा है,
तुममें ही डूब जाती हर शाम सुबह होने को,
इन सितारों से भी आगे जहान तुम्हारा है,
ख्वाबों सी लगती है तुम्हारी हर अदा,
गीतों में ढालकर, किस ने तेरा रुप निखारा है,
महक तेरे बदन की, जैसे चंदन की दुशाला है,
ये प्यास तेरी कभी ना बुझे,
तुझे इबादत की तरह जन्नत से पुकारा है,
तेरी मिसाल ना हो सके कोई,
किसी संगतराश ने जैसे अपने हाथों से तराशा है...
रूह को भिगो कर.....इक ज़िस्म तराशा है...
---- सुनिल #शांडिल्य
Wednesday, September 14, 2022
धुआं धुआं सा मौसम मेरा धुंध कही पे छाई है
तुम बिन मेरा जीवन क्या है एक अदद तन्हाई है
दिल में पतझड़ का है मौसम ग़म ने झड़ी लगाई है
तुम बिन मेरा जीवन क्या है एक अदद तन्हाई है
दिन में बसते ख्वाब तेरे रातो ने आग लगाई है
जाने कैसे तूने दिल में अपनी जगह बनाई है
बीत गए हैं मौसम कितने फिर भी तू ना आई है
तुम बिन मेरा जीवन क्या है एक अदद तन्हाई है।।।
बरसो बीते चलते चलते राह अकेले पायी है
राहों में है धुल जमी कैसी विरानी छाई है
तुम बिन मेरा जीवन क्या है एक अदद तन्हाई है।।
---- सुनिल #शांडिल्य
Tuesday, September 13, 2022
Monday, September 12, 2022
Sunday, September 11, 2022
Friday, September 9, 2022
ख़ता क्या है मेरी? बहारों से पूछो
जो गुलशन से मेरे ये रूठे हुए हैं।
वर्षों तक सींचा जिन्हें अपने खूं से
वो रिश्ते ही क्यों आज झूठे हुए हैं।
ना छेड़ो मुझे बिखर जाऊंगा वरना
मेरे दिल के तार ये टूटे हुए हैं।
घायल ना ज़िंदा रहेंगे जहां में
ख़ुदा आजकल हमसे रूठे हुए हैं
ना छेड़ो कोई की छलक जाएंगे हम...!
यूँ भरे बैठे हैं हम गिलासों में पानी की तरह...!!
---- सुनिल #शांडिल्य
@everyone
Thursday, September 8, 2022
Wednesday, September 7, 2022
Tuesday, September 6, 2022
Monday, September 5, 2022
Sunday, September 4, 2022
Friday, September 2, 2022
Thursday, September 1, 2022
Wednesday, August 31, 2022
मैंने देखा बारिश की वो बूँद
शीशे पर ठहर कर
मुझे एक टक देखे जा रहीं थी
मैंने पूछा ऐसे क्या देख रही हो
वो धीरे से बोली बाहर तो आओ
मैंने जैसे टेरेस का दरबाजा खोला
मिली ठड़ी ताज़ी हवा की ताजगी
हल्की बारिश मे भीग मैं मुसकुराया
बारिश की वो बूँद भी मुस्कुरा रही थी
अब मैं उसका संदेश समझ पाया
प्रकृति के साथ ही जीवन सार्थक है
मुझे जीवन का यह संदेश दे
बारिश की वो बूँद
अपने गन्तव्य को चली गई
---- सुनिल #शांडिल्य
Monday, August 29, 2022
Sunday, August 28, 2022
Friday, August 26, 2022
Thursday, August 25, 2022
Tuesday, August 23, 2022
Monday, August 22, 2022
Sunday, August 21, 2022
Thursday, August 18, 2022
सुकून का पर्यायवाची शब्द हो तुम ..
आंखे बंद करूं तो महसूस होती मुझे तुम
बिल्लौरी सी आंखों से मुझे निहारती हो तुम
पास आकर सीने से लगा लेती हो तुम
हौले से मेरे सर को चूमकर कहती हो तुम
सुनिल उठो मैं आ गई
मेरे सर को अपनी गोद में रखती हो तुम
और गालों पे गाल रखकर कहती हो तुम
सो जाओ ..मैं तुम्हारे साथ हूं हमेशा ..
जहां तक हो सकेगा कब तक ? वादा नही करती
क्यूंकि वादे तो टूटने के लिए होते हैं ना
सीने से लगाकर भरोसा देती हो तुम
---- सुनिल #शांडिल्य
Tuesday, August 16, 2022
Sunday, August 14, 2022
Saturday, August 13, 2022
Friday, August 12, 2022
Wednesday, August 10, 2022
Monday, August 8, 2022
Saturday, August 6, 2022
Friday, August 5, 2022
Tuesday, August 2, 2022
Saturday, July 30, 2022
सुनो_ना
जब तुम आती हो मेरी बगिया में
पूजा के फूल लेने
तो पूरी बगिया में लेने के देने हो जाते हैं
फूल तुम्हारे यौवन के आगे,
सुंदरता में बौने हो जाते हैं
जब तुम कदम रखती हो
तुम्हारी पायल की रुनझुन के विद्युत से
मेरे हृदय के तार स्वत: ही जुड़ जाते हैं
और मेरी आंखों के जुगनू
जगमगा उठते हैं
मगर, मैं यह जगमगाहट
तुम तक नहीं पहुंचने देता हूं
यह अशुद्ध है
मेरे अंदर बहुत कुछ ऐसा होता है
जो मेरी इच्छा के विरुद्ध है
मुझे तुम्हारी प्राप्ति की इच्छा नहीं है
तृप्ति की आकांक्षा भी नहीं है
बस तुम यूं ही बनी रहो पाकीजगी में सनी रहो
---- सुनिल #शांडिल्य
Friday, July 29, 2022
Thursday, July 28, 2022
Wednesday, July 27, 2022
Tuesday, July 26, 2022
Monday, July 25, 2022
Sunday, July 24, 2022
Saturday, July 23, 2022
Friday, July 22, 2022
Thursday, July 21, 2022
Wednesday, July 20, 2022
Tuesday, July 19, 2022
Monday, July 18, 2022
Sunday, July 17, 2022
Saturday, July 16, 2022
Friday, July 15, 2022
Thursday, July 14, 2022
Wednesday, July 13, 2022
Tuesday, July 12, 2022
Monday, July 11, 2022
Saturday, July 9, 2022
Thursday, July 7, 2022
Wednesday, July 6, 2022
Tuesday, July 5, 2022
Monday, July 4, 2022
Sunday, July 3, 2022
Saturday, July 2, 2022
Friday, July 1, 2022
जिंदगी और मेरे बीच गजब की जंग है ;
रोज इससे खेलता हूं पीछा छुड़ाना चाहता हूं;
जाने क्या क्या कर जाता हूं..
जिंदगी के अंतिम छोर पे जाकर लौट आता हूं..
तरह तरह के एडवेंचर करता हूं..
कभी कभी लगता है की
अब जिंदगी से पीछा छूटने ही वाला है,
की ये कमबख्त फिर मुझे दबोच लेती है ..
अपनी जिंदगी को कहता हूं,
बोल कितने पल का मेहमान हूं ?,
फिर आंखें खोल देता हूं,
जिंदा हूं मैं अब भी
सहसा येअहसास हो जाता है,
ओह फिर से जीत गई.."जिंदगी"
ना किसी से कोई गिला ना शिकवा ..
जिसने जो दिया मेरे हिस्से का था
वो प्रेम भी, नफरत भी, धोखा भी,
खैर ..
यात्रा जारी है ...
अनवरत ..
जिंदगी तू कभी तो हारेगी ही ..
कभी तो मैं जीतूंगा ही ..
---- सुनिल #शांडिल्य
Thursday, June 30, 2022
Wednesday, June 29, 2022
Tuesday, June 28, 2022
Monday, June 27, 2022
Saturday, June 25, 2022
Friday, June 24, 2022
Thursday, June 23, 2022
Tuesday, June 21, 2022
Monday, June 20, 2022
Sunday, June 19, 2022
Friday, June 17, 2022
Thursday, June 16, 2022
Tuesday, June 14, 2022
Monday, June 13, 2022
Sunday, June 12, 2022
Thursday, June 9, 2022
Wednesday, June 8, 2022
Tuesday, June 7, 2022
Monday, June 6, 2022
Saturday, June 4, 2022
Thursday, June 2, 2022
Wednesday, June 1, 2022
Monday, May 30, 2022
Sunday, May 29, 2022
Saturday, May 28, 2022
Friday, May 27, 2022
Wednesday, May 25, 2022
Monday, May 23, 2022
Saturday, May 21, 2022
Thursday, May 19, 2022
Wednesday, May 18, 2022
Tuesday, May 17, 2022
Monday, May 16, 2022
Sunday, May 15, 2022
Tuesday, May 10, 2022
Wednesday, May 4, 2022
Tuesday, May 3, 2022
Sunday, May 1, 2022
Saturday, April 30, 2022
Friday, April 29, 2022
Thursday, April 28, 2022
अधर बाबरे जिव्हा पागल
कहने को कुछ भी कह जाएं
किस मुंह से मैं कह दूं बोलो
तुमसे मुझको प्यार नहीं है।
एक नहीं है अनगिन बातें
जबकि तुम्हारा प्यार दिखा है
मान मनव्बल पाया तुमसे
मनचाहा मनुहार दिखा है
रुठा हुआ मनाया तुमने
अपने हृदय लगाया तुमने
किस मुंह से मैं कह दूं बोलो
तुमसे मुझको प्यार नही है।
---- सुनिल #शांडिल्य
Wednesday, April 27, 2022
Monday, April 25, 2022
Sunday, April 24, 2022
Friday, April 22, 2022
Thursday, April 21, 2022
Friday, April 15, 2022
Thursday, April 14, 2022
Wednesday, April 13, 2022
Monday, April 11, 2022
Saturday, April 9, 2022
Friday, April 8, 2022
Thursday, April 7, 2022
Tuesday, April 5, 2022
Sunday, April 3, 2022
Saturday, April 2, 2022
Friday, April 1, 2022
Thursday, March 31, 2022
Monday, March 28, 2022
Saturday, March 26, 2022
Thursday, March 24, 2022
Tuesday, March 22, 2022
Monday, March 21, 2022
Saturday, March 19, 2022
Friday, March 18, 2022
Wednesday, March 16, 2022
Monday, March 14, 2022
Friday, March 11, 2022
Thursday, March 10, 2022
Wednesday, March 9, 2022
Monday, March 7, 2022
Sunday, March 6, 2022
Saturday, March 5, 2022
मैं राजा नहीं पर वो है रानी मेरी ,
लिखता हूं मैं कहानी मेरी ..
एक ऐसा है एहसास बताना ,
कैसा होता है श्रृंगार बताना ..
साड़ी पहन जब वो आयेगी ,
काजल मैं ही उसे लगाऊंगा ..
बात मोहब्बत की ऐसी होगी ,
की झुककर पायल पहनाऊंगा ..
चूड़ी,कंगन,पायल,बिछिया ,
सब पहन कर सज जाएगी ..
हाथों में हाथ मेरा लिए वो ,
साथ मेरे महफ़िल आयेगी ..
फिर इश्क़ की ऐसी दावत होगी ,
वो होगी और मेरी चाहत होगी ..
फिर होगी एक शाम सुहानी ,
मैं राजा नहीं पर वो है रानी मेरी ..
---- सुनिल #शांडिल्य