दिल की यादो मे सवारूँ तुझे
तू दिखे तो आँखो मे उतारू तुझे
तेरे नाम को लबो पर ऐसे सजाऊ
सो जाऊ तो ख्वाबो मे पुकारू तुझे..!!
ये मत कहना कि तेरी याद से रिश्ता नहीं रखा,
मैं खुद तन्हा रहा पर दिल को तन्हा नहीं रखा,
तुम्हारी चाहतों के फूल तो महफूज रखे हैं....
हम तो लिख कर यूँ ही दिल बहला लेता है
जो मोहब्बत न समझ पाये वो हमारे अलफ़ाज़ क्या समझेंगे.
Saturday, July 29, 2017
बना लो उसे अपना जो दिल से तुम्हे चाहता है। खुदा की कसम ये चाहने वाले बडी मुश्किल से मिलते है..
Monday, July 24, 2017
किसी को भूल जाना हमारी फ़ितरत नहीं किसी का दिल दुखाना हमारी आदत नहीं कोई चाहे या न चाहे ये उसकी मर्जी, दिल दे के मुकर जाना हमारी आदत नही..
कभी हक़ीक़त में भी
बढ़ाया करो ताल्लुक़ हमसे अब ख़्वाबों की मुलाक़ातों से तसल्ली नहीं होती !!*!!
Thursday, July 20, 2017
अजीब दस्तूर है, मोहब्बत का, रूठ कोई जाता है, टूट कोई जाता है
मेरे जीने के लिये तेरा
अरमान ही काफी है, दिल के क़लम से लिखी ये दास्तान ही काफी है, तीर-ए-तलवार की तुझे क्या ज़रूरते ए नज़नीन, क़त्ल करने के लिय तेरी मुस्कान है काफी है
ऐ सनम! अपने दिल में मेरी तस्वीर देखना, मेरे हाथों की लकीरों में अपनी तकदीर देखना। अगर तुम्हें देखनी है अपनी मोहब्बत, तो मुझ में राँझा और खुद में हीर देखना।।
Wednesday, July 19, 2017
ऐ सनम! तेरी जुदाई का गम मुझे सोने नहीं देता, आँखों में बसा तेरा चेहरा मुझे रोने नहीं देता। सोचूं तो सोचूं कैसे और किसी से दिल लगाने की, दिल में बसा तेरा प्यार मुझे किसी और का होने
नहीं देता।।
दुनिया के रीति रिवाजों से अनजान हूँ मैं, ऐ दोस्त! प्यार की राहों में अभी नादान हूँ
मैं। कभी नजरें मिलाती है कभी नजरें चुराती है, समझ नहीं पाया हाल ऐ दिल उसका यूँ परेशान हूँ
मैं।।
अगर तुझे कुछ जानना है मेरे बारे में, तो मेरे जज्बातों की बात कर... जात और औकात, तो सारी दुनियाँ को पता है
Tuesday, July 18, 2017
इस दौरे सियासत का बस इतना सा फसाना है.
बस्ती भी जलानी है और मातम भी मनाना है
नज़र नज़र में बात हुई, नज़र प्रेम के नज़र हुई
कोई न अगर मगर हुई, ये नजरें प्रेम नगर हुई...
तलाश ज़िन्दगी की थी दूर तक निकल पड़े
ज़िन्दगी नही मिली मगर तजुर्बे बहुत मिले
Monday, July 17, 2017
दिल वह नगर नही जो फिर आबाद हो सके पछताओगे बहुत यह बस्ती उजाड़ के.
मेहरबान होकर बुला लो मुझे जिस वक़्त, मैं गया वक़्त नहीं की फिर आ भी ना सकूँ.....
यूं ही तन्हा रहे , चाहे हो पतझड़
या सावन की फुहार पल भर के लिए भी ना किया तुमने इकरार , बस , ख्वाबों में ही
तुमसे हम करते रहे प्यार।
Saturday, July 15, 2017
बदली बदली उनके शहर की आब ओ हवा लगती है, इश्क ऐ मर्ज इतना बढ़ गया है ना कोई दवा लगती
है। उनके इश्क़ में मेरी मदहोशी का आलम तो देखिये, एक अरसा बीत गया पर मोहब्बत आज भी जवाँ लगती
है।।
मुझे रोकने की कोशिशों बहोतों ने की पर मेरा संघर्ष और सासें एक साथ रूकेगी ।
Friday, July 14, 2017
एक भी ख्वाब न हो जिन मेँ वो आँखे क्या हैँ, इक न इक ख्वाब तो आँखो मे बसाओ यारोँ|
वो जान गयी थी हमें दर्द मै मुस्कुराने की आदत है वो रोज़ नया जख्म देती थी मेरी खुशी के लीये
ज़माने की नजरों से छुपाकर तुझे दिल में बसा लिया। अब तो हर पल दिल को मेरे तेरा दीदार होता है।।
यह मेरी जिन्दगी की सबसे बड़ी तमन्ना है ; तुम हर पल रहो मेरे पास मेरी साँसों की तरह !!
Monday, July 10, 2017
तेरे हुस्न का हर कोई दीवाना है, तेरी हर अदा बड़ी कातिलाना है। कागज कलम कम पड़ जाते हैं लिखने को, ऐ सनम! तेरा चेहरा इतना शायराना है।।
अपनी मोहब्बत की नुमाइश करनी छोड़ दे, अपनी किस्मत के साथ आजमाइश करनी छोड़ दे। मुझे हासिल करना तेरे लिए ख्वाब ही रहेगा, उस खुदा से मुझे पाने की ख्वाहिश करनी छोड़ दे।।
ऐ दोस्त! कत्ल करने का खूब अंदाज निकाला जालिम ने। रुख से पर्दा भी उस दिन हटाया जिस दिन रोज़ा रखा
हमने।।
Friday, July 7, 2017
खुश नसीब होते हैं बादल जो दूर रहकर भी ज़मीन पर बरसते हैं
और एक बदनसीब हम हैं जो एक ही दुनिया में रहकर भी मिलने को तरसते हैं
दर्द का क्या है जरूरी नहीं चोट लगने पर होता है।
दर्द वहाँ अक्सर दिखता है, जहाँ दिल में अपनापन होता है।
मुझको मालूम नही अगला जन्म है कि नही लेकिन.....
ये जन्म तेरे प्यार में गुजरे बस यही दुआ मांगी है...!!!
Wednesday, July 5, 2017
ऐ बेवफा! जब भी तेरे शहर से गुजरे हम, तेरी बेवफाई याद आई याद आये तेरे सितम। पर इस कमबख्त दिल का भी क्या करें, जहाँ कभी मिले थे हम वहीं ले जाता है बेरहम।।
वक़्त बेवक़्त मुस्कुराने का शौक मुझे भी था, शाम को महफिलें सजाने का शौक मुझे भी था। उनकी जुदाई ने खामोश कर दिया मुझे, वरना कुछ सुनने सुनाने का शौक मुझे भी था।
उसकी आँखों के मयखाने से मोहब्बत का ऐसा जाम पीया। भूलकर उस खुदा को उसको ही मैं अपना खुदा मान
बैठा।।
Monday, July 3, 2017
छोड़ दो ये प्यार मोहब्बत की बातें, उसके भेजे आखिरी ख़त की बातें। मिलना बिछड़ना कहाँ हैं अपने हाथ में, ये सब तो हैं यार किस्मत की बातें।।
मुझे उसकी यादों ने, उसे मेरी यादों
ने बेचैन कर दिया, पर अफ़सोस हम दोनों ही हालात से मजबूर हैं। वो मर्यादा नहीं तोड़ सकी, मैं उसे मजबूर नहीं कर सका, ऐ दोस्त! इसीलिए हम दिल के करीब और नजरों से
दूर हैं।।
वक़्त का क्या है यारों ये तो बदलता रहता है। पर मजा तब है जब वक़्त हमारे इशारे से बदले।।