Wednesday, September 30, 2015

कभी आंसू कभी खुशी बेची
हम गरीबो ने बेकसी बेची
चन्द साँसे खरीद ने के लिये
रोज़ थोडी सी ज़िन्दगी बेची
मै उक़्ता की रोशनी बेची
एक हम थे के बिक गये खुद ही
वरना दुनियाँ ने दोस्ती बेची

दिल में धडकन और आँसु धम जाते हैं,
जब कभी हम आपके इस आशियाने में आते हैं,
थाम तो लेते हैं पलकों की कंपकंपाहट दो घडी,
पर इन आँसुओं का क्या करें जो पल में बिखर जाते हैं..

कब उसको इंतजार मेरा था,
ये तो बस ऐतबार मेरा था,
कुछ मेरी खुश-फैमी थी,
की उस पर इख्तियार मेरा था,
कभी उसकी हालत वैसे थी,
जैसे दिल बेकरार मेरा था,
गमों मे कैद कर गई मुझको,
वही जो गमगुशार मेरा था,
मैं कैसे भूल जाऊँ ऐसा शख्श,
जो कभी एक बार मेरा था..

Monday, September 28, 2015

सबके दिल की कहानी बयान करती है,
महोब्बत दिवानों को सिर्फ बदनाम करती है,
इस के बावजूद जो भी यहाँ महोब्बत करता है,
उन्हीं को मरने के बाद दुनियाँ सलाम करती है.. ...

यादों के सहारे दुनिया नही चलती,
बिना किसी शायर के महफ़िल नही बनती,
एक बार पुकारो तो आए दोस्तों,
क्यों की दोस्तों के बिना ये धड़कने नही चलती..!

सब कुछ है मेरे पास पर दिल की दवा नहीं,
दूर वो मुझसे हैं पर मैं खफा नहीं,
मालूम है अब भी प्यार करते है मुझसे,
वो थोडा सा जिद्दी है, मगर बेवफा नहीं...

Sunday, September 27, 2015

महोब्बत एक एहसासों की पावन सी कहानी है,
कभी कबीरा दिवाना था, कभी मीरा दिवानी है,
यहाँ सब लोग कहते हैं मेरी आँखों में आँसु हैं,
जो तु समझे तो मोती है, जो ना समझे तो पानी हैं |

दिल ने कहा याद करते रहना,
मन ही मन बात करते रहना,
वो हमारे दिल की फरियाद सुने ना सुने,
अपना तो फ़र्ज़ है उन्हे याद करते रहना...

वो मौजूद है आज भी, इस दिल के कोने में कही,
एक बार इस दिल के करीब, आकर तो देखो,
बहुत मासूम सी सिसकिया ले रहा, ये नादान,
एक बार इस दिल को, दिल से लगा के तो देखो...!!!

Saturday, September 26, 2015

हम जीत न पाए वो ऐसी शर्त लगाने लगे,
अपनी प्यारी सी आँखों को मेरी आँखों से मिलाने लगे,
हम जीत ही जाते पर हमने अपनी पलकें झुका ली
जब उनकी आँखों से आंसू आने लगे...

मै भी जी लेता हंसकर कभी-कभी
जो तेरा दर्द ही मेरे हिस्से में आया होता
,
यूँ तकलीफ भी ना होती उम्र भर को मुझे

जो तू यूँ बेइंतहा मेरे दिल को ना भाया होता

Friday, September 25, 2015

मै अपनी कश्ती हर मझधार में पार लगा देता
ये हवाओं बस तुम्हारा जरा सा सहारा मिला होता
अपनी चाहतों के चराग यूँ ना बुझने देता कभी
ये आँधियों तुम्हे जरा सा तरस जो आया होता,



बस दो बूंदों में जिन्दगी भर की प्यास बुझ जाती
गर दो आसूं ही तुमने मेरे होंठो पे गिराए होते,

मेरी बेबसी ने हर कसम तोड़ दी मेरी
काश कुछ वादे तुमने ही निभाए होते,

गर मालुम होता टूट जायेगा हर ख्वाब मेरा
कभी कोई सपने ना इन पलकों पे सजाए होते,

तेरी जुल्फों में सोने के हंसी अरमान संजू
तेरी आँखों की शम्मा में ना यूँ हमने जलाये होते..

बड़ी मुश्किल से बना हूँ टूट जाने के बाद,
मैं आज भी रो देता हूँ मुस्कुराने के बाद
तुझसे मोहब्बत थी मुझे बेइन्तहा लेकिन,
अक्सर ये महसूस हुआ तेरे जाने के बाद
अब तक ढून्ढ रहा हूँ मैं अपने अन्दर के उस शख्स को,
जो नज़र से खो गया है नज़र आने के बाद

Thursday, September 24, 2015

"इश्क़ ऐसा करो कि धड़कन मे बस जाए,
सांस भी लो तो खुश्बू उसी की आए, 
प्यार का नशा आँखो पे ऐसा छाए, 
बात कोई भी हो,पर नाम उसी का आए."

"किताबों के पन्नो को पलट के सोचता हूँ,
यूँ पलट जाए मेरी ज़िंदगी तो क्या बात है.
ख्वाबों मे रोज मिलता है जो, 
हक़ीकत में आए तो क्या बात है."

"रिश्ता हमारा इस जहां में सबसे प्यारा हो
जैसे जिंदगी को सांसों का सहारा हो
याद करना हमें उस पल में
जब तुम अकेले हो और कोई ना तुम्हारा हो"

Wednesday, September 23, 2015

"तन्हाईयां जाने लगी जिंदगी मुस्कुराने लगी, 
ना दिन का पता है ना रात का पता. 
आप की दोस्ती की खुशबू हमे महकाने लगी, 
एक पल तो करीब आ जाओ धड़कन भी आवाज़ लगाने लगी.. "

"शाम के बाद मिलती है रात, 
हर बात में समाई हुई है तेरी याद. 
बहुत तनहा होती ये जिंदगी, 
अगर नहीं मिलता जो आपका साथ."


"देर रात जब किसी की याद सताए, 
ठंडी हवा जब जुल्फों को सहलाये. 
कर लो आंखे बंद और सो जाओ क्या पता,
जिसका है ख्याल वो खवाबों में आ जाये."

"हर नज़र मे एक कशिश होती है,
हर दिल मॆ एक चाहत होती है,
मुमकीन नही हर एक के लिये ताज महल बनाना
पर हर दिल मे एक मुमताज रहती है ..."


Tuesday, September 22, 2015

तूफानों में चिरागों को जलाने की कोशिश की है,
ख्वाबों को हकीकत बनाने की कोशिश की है,
जो तोड़ते है बार बार दिल का आशियाना मेरा,
उन्हें ही इस दिल में बसाने की कोशिश की है...

सिर्फ इशारों में होती महोब्बत अगर,
इन अलफाजों को खुबसूरती कौन देता?
बस पत्थर बन के रह जाता “ताज महल”
अगर इश्क इसे अपनी पहचान ना देता..

"ख्वाबों कॆ अंदर ज़िंदा मत रहो ..
बल्की अपने अंदर ख्वाब को ज़िदा रखो .
मोहब्बत उससॆ नही होती जो खूबसूरत हो.
खूबसूरत वो होती है जिससॆ मोहब्बत हो .


Sunday, September 20, 2015

मेरी हर सुन्हेरी खुशी हर बात आपकी है,
सुन्हेरी साँसो में छुपी ये हयात आपकी है,
दो सुन्हेरी पल भी नहीं रह सकते आपके बिना,
सुन्हेरी धडकनो की धडकती हर आवाज आपकी है।
हर दिन हर रूप तेरा हमने अलहदा देखा है ....
सारी दुनिया से हमने तुझको जुदा देखा है.....
थक के गमों से जब हारने लगे थे हम ....
तेरे कदमों में हमने तो खुदा को देखा है...

Saturday, September 19, 2015

आप क्या सोचते है की हम आप को भूल गए
हम तो आप की याद मैं खुद को ही भूल गए,
तेरी वो यादे तेरे वो वादे कैसे भूलू मैं,
खाई थी कसमे तुम ने साथ निभाने की तुम खुद हमें भूल गए_

न यादों में किसी के खोने की कशिश है,
न ख्वाबों में किसी को देखने की तपिश है,
न जाने ऐसे एहसास को किस नाम से पुकारें,
के भुलाना भी चाहें और याद करने की भी ख्वाहिश है।


हवा में ताश का घर नहीं बनता,
रोने से कभी मुकद्दर नहीं बनता !!
हर वक्त जीतने का हौसला ररखना,
हार से कोर्इ फकीर और जीत से

कोर्इ सिकन्दर नहीं बनता !!!

Thursday, September 17, 2015

भरोसा एक छोटा सा लफ्ज़ है

जिसके मायने समझॊ तो बहुत है 
पर मुशकिल ये है की लोगो को ..
भरोसे पर शक है और 
अपने शक पर भरोसा है .

कदम कदम पर बहारों ने साथ छोड़ दिया,
पड़ा जब वक़्त तो अपनों ने साथ छोड़ दिया।
कसम खाई थी इन सितारों ने साथ देने की,
सुबह होते ही सितारों ने भी साथ छोड़ दिया!

हम जल कर भी रौशनी फैलाते रहे इस लिए लोग हमें जलाते रहे
मेरे जलने को किसी ने देखा ही नहीं मेरी रोशनी पर सब मुस्कुराते रहे

Wednesday, September 16, 2015

आपने कहा मोहब्बत पूरी नहीं होती |
हम कहते हैं हर बार ये बात जरुरी नहीं होती ||
मोहब्बत तो वो भी करते हैं उनसे......|
जिन्हें पाने की कोई उम्मीद नहीं होती ||"

Tuesday, September 15, 2015

जंग लड़ता हूँ मैं नित्य अपने आप से
दिल कुछ कहता है, दिमाग और कुछ।
जिंदगी तू ही बता कि तेरा अर्थ क्या है
चाहते कुछ और है, मिलता कुछ और।

ना पीने का शौक था, ना पिलाने का शौक था;
हमे तो सिर्फ नज़र मिलाने का शौक था;
पर क्या करे यारो, हम नज़र ही उनसे मिला बैठे;
जिन्हें सिर्फ नज़रों से पिलाने का शौक था।

Sunday, September 13, 2015

तन्हा मैं यू रह न सका 
उसके आगे अश्को को छुपा न सका 

सदा-ए-दिल-ए-दर्दमंद मैं गा न सका  
ख़त लिखे जो उसके नाम उसे पढ़ा न सका 


तुम हो तो है मुस्कुराने की वजह 
नहीं तो है अश्को के बहने की वजह 
मेरे अश्को की कीमत तो समझो जरा 
तुमसे जुदाई है इनके बहने की वजह


गुजरे दिन वो याद आये जाने क्यों 
दिल को आज फिर सताए जाने क्यों 
होठो की मुस्कुराह्ठो पे छुपे राज जाने क्यों 
आँखों के अश्को को ये छुपाये जाने क्यों


Thursday, September 10, 2015

ख़यालों को किसी की आस रहती है
निगाहों को तेरी तलाश रहती है
तेरे बिना कोई कमी नहीं हे ,लेकिन

तेरे बगैर चाहत उदास रहती हे

अपने अपने जीने के अंदाज होते हे
जागती आंखो मे भी ख्वाब होते हे
जरूरी नहीं की गम मे आँसू निकले

मुसकुराती आंखो मे भी सैलाब होते हे

वो मिल जाते हे कहानी बनकर
दिल मे बस जाते हे निशानी बनकर
जिनहे हम रखते है अपनी आंखो मे

क्यो निकाल जाते हे अक्स बनकर

Wednesday, September 9, 2015

उनकी आंखे आँसू से नम नहीं
क्या समजते हो उन्हे कोई गम नहीं?
तुम तड़प कर रो दिये तो क्या ?

गम छुपा कर भी हसने वाले कम नहीं

झुकी नजरों से इकरार मत करना
नजरे उठाकर इंकार मत करना
रात भर तड़पते हो किसिकी यादों मे

और हमे कहते हो किसीसे प्यार मत करना

आज भी उसकी नजरों मे राज़ वही था
चहेरा वही था चहेरे का लिबास वही था
कैसे उसको बेवफा कह दु यारो

आज भी उसके देखने का अंदाज़ वही था

Tuesday, September 8, 2015

तेरी चाहत मे ज़माना भुलाए बैठे है
तुजे पाने की आस लगाए बैठे है
चाहे तू हमे कुछ भी ना माने

पर हम तो तुजे खुदा बनाए बैठे हे