Sunday, May 30, 2021

 इक कदम भी न चल पाएंगे बिन तुम्हारे 

साथ ये उम्र भर को चाहिए 


बवंडर आये या आये कोई भी तुफां

हाथ ये ना अब छुटना चाहिए 


हर राह हर सफर हंस के जी लेंगे

हमसफर बस तुम चाहिए 


होगी हर चुनौती चूर चूर हर हाल मे

मंजिले भी मिल जाएगी जब हम संग है


---- सुनिल शांडिल्य

Saturday, May 29, 2021

 निभाया वादा हमने शिकवा न किया,

दर्द सहे मगर तुझे रुसवा न किया,

जल गया नशेमन मेरा, खाक अरमां हुये,

सब तुने किया मगर मैने चर्चा न किया! 


---- सुनिल शांडिल्य

Friday, May 28, 2021

 हमने ऐक गुनाह कर डाला

ज़िंदगी को तबाह कर डाला


जो ज़ख्म भर चुके थे मेरे कब के

नोंच नोंच के उनको हरा कर डाला


बेच कर अपनी खुशीआं बाज़ार में

घर अपना खुद गमों से भर डाला


लुत्फ देने लगी तन्हाईयाँ ऐसे के

महफ़िल से खुद को जुदा कर डाला


---- सुनिल शांडिल्य

Thursday, May 27, 2021

 कुच्छ हादसों ने तोड़ा है मुझे

नहीं तुझसे जुदा हूँ मैं


नाराज़गी है तक़दीर से अपनी

नहीं तुझसे खफ़ा हूँ मैं


पराया सा लगने लगा हर शख्स मुझे

पर तुमसे जुड़ा हूँ मैं


इतनी भीड़ में खुद को अकेला पाया

शुक्र है तेरे साथ खड़ा हूँ मैं


----- सुनिल शांडिल्य

Wednesday, May 26, 2021

 ये इश्क,

ना देखा न सुना

खुद ब खुद

ये कमबख्त हो गया


ये दिल,

जाने क्या होता इसे


उसकी एक आहट से

इसकी धड़कन बेतहाशा बढ़ जाती है

रक्त का संचरण

धमनियों पे दबाव बढ़ा जाता है


ये दिल,

जिनसे न मिले

ना देखा,न सुना

उससे ही लग जाता है


ये दिल,

इतना नादान क्यों होता हैं ।।


---- सुनिल शांडिल्य

Tuesday, May 25, 2021

 जिन्दगी की हर बात तुम से

दिन मेरे और मेरी रात तुम से


हर मुश्किल मे गर है किसी से

तो बस वही आस तुम से


गुलशन की आब तुम से

तो गुलाब की महक भी तुम से


सोच ही नही सकते कि

जायेंगे दूर कभी तुम से


---- सुनिल शांडिल्य

Monday, May 24, 2021

 जीने का कोई बहाना नही

फिर भी जिये जा रहा हूँ मै


जिन्दा होकर जिन्दा नही

खुद का मातम मना रहा हूं में


अहसासों को समझा नही

तभी यू अश्क बहा रहा हूँ मै


वो मेरी किस्मत में ही नही

फिर भी इश्क कर रहा हूँ मै


जिस्म से हमे सरोकार नही

अहसासों में उसके जलता हूं में


---- सुनिल शांडिल्य

Sunday, May 23, 2021

 जीवन को मेरे तूने महकाया है ऐसे,

खुशबू से गुलिस्तां महकता हो जैसे।


हर जन्म रहे साथ बस तेरा,

सागर में पानी रहता हो जैसे।


बांहों में भर कर आगोश में ले लो,

सीप में मोती रमता हो जैसे।


छुपा लो दिल के किसी कोने में,

आँखों में कोई ख्वाब बसता हो जैसे।


---- सुनिल शांडिल्य

Saturday, May 22, 2021

 मंजिल तुम चुनो रास्ते

हम सजायेंगे


अल्फ़ाज़ तुम दे देना उनको

गीत हम बनायेंगे


खुश रहने का वादा तुम करना

खुशीआं हम लायेंगे


आप बस दोस्त बने रहना उम्र भर

दोस्ती हम निभायंगे 


जहां राह में हों कांटे आपकी तो

हम अपना दिल बिछायेंगे


----- सुनिल शांडिल्य

Friday, May 21, 2021

 किरदार अपना हमको भी बतला दो

लिफाफे गम और खुशियों के खोल दो


गुजरता नही वक़्त अब यू  गुजारने से

शहद थोड़ा रूहे-अहसासों का मिला दो


सितमगर बन कहर_ए_सितम ढा दो

कहर अहसासों का तुम कुछ यूं बरसा दो


भूल जाये दुनिया इस कदर अपना बना लो

या फ़ना कर सांसो को मेरी हस्ती ही मिटा दो


---- सुनिल शांडिल्य

Thursday, May 20, 2021

 सुकून बन कर आना या

ख़्वाब बन कर आना


तुम मेरे सवालों का इक

जवाब बन कर आना


सो लूँगा काँटों की सेज 

पर उम्र भर


बस तुम मेरे गुलशन में

गुलाब बन कर आना


अपनी मंज़िल ढूंढ लूंगा 

तेरी कजरारी आंखों में


इतनी सी गुज़ारिश है तुमसे

ना दूर हमसे जाना


---- सुनिल शांडिल्य

Wednesday, May 19, 2021

 तेरी चाहत का वो मौसम 

सुहाना याद आया


तेरा मुस्कुरा करके वो नजरें 

झुकाना याद आया


तुझे देखने की खातिर जो 

अक्सर गुनगुनाते थे


वो नगमा आशिकाना आज 

फिर याद आया 


तुम चली गयी कब की छोड़ कर

जाने क्यों गुज़रा ज़माना याद आया


---- सुनिल शांडिल्य

Tuesday, May 18, 2021

 तू जो नहीं है तो मुझमें कुच्छ कमी है 

 चेहरे पर झूठी हंसी पर आँखों में नमी है


ख्वाबो में ख्यालों में तेरा ही दीदार है 

मुझे अब भी तेरा ही इंतज़ार है 


तुम अब चल पड़ी हो तुम अब आ रही हो

इन्हीं उलझनों में यूँ दिल मेरा बेकरार है


----- सुनिल शांडिल्य

Monday, May 17, 2021

 अपनी यादों का हर पल मैं

दिल में रखता हूँ


कुच्छ इस तरह मैं तुमको अपने

पास रखता हूँ


समां वो फिर लौट के आने वाला है

तेरी तस्वीर आंखों में रखता हूँ


फिर वोही झूले वोही मस्त बहारें होंगी

ढेरों खुशीआं संग ला रहा हूँ


---- सुनिल शांडिल्य

Sunday, May 16, 2021

 थाम के हाथ तेरा हम

कांटो पे भी चल लेंगे


उदासी ना छू सकेगी कभी

उदास पलों में हंस लेंगे


गम की अंधेरी रात गर आई

तो चाँद बाहों में भर लेंगे


तेरा साथ यूँही रहेगा उम्र भर तो

जिंदगी हंसी में गुज़र कर लेंगे


अब न छूटेंगे पकड़े जो हाथ हैं

जब तक हम साथ हैं


--- सुनिल शांडिल्य

Saturday, May 15, 2021

 गीत हम गुनगुनाने लगे 

मन ही मन मुस्कुराने लगे 


चाँद सा है तेरा चेहरा तेरा

सबको हम यह बताने लगे 


भगवान ने दोस्त ही इतना प्यारा दिया

हम उम्र भर की दोस्ती निभाने लगे


सबने जब हाल पूछा मेरा, हम

दिल ही दिल खिलखिलाने लगे


---- सुनिल शांडिल्य

Friday, May 14, 2021

शबनम से भीगे भीगे लब तेरे 

और बदन महका हुआ सा है


पलकें झुकी हैं हया से पर क्यों

तेरा लहजा ख़फ़ा सा है


मासूमियत है तेरी आँखों में मानो

इक समंदर ठहरा हुआ सा है


बेमिसाल सा हुस्न है जैसे 

मेराअक्स उभरा हुआ सा है


---- सुनिल शांडिल्य

Thursday, May 13, 2021

 कौन देता है यहा साथ ताउम्र किसी का

बाद मतलब दिलासा, साथ जिन्दगी का


सितम करते है, दिखावा कर बातों का

झूठा कितना रिश्ता उनका अहसासों का


जुल्म करते है, दिखावा कर महताब का

उन्हें कहा इल्म है,अहसासों की तलब का


---- सुनिल शांडिल्य

Wednesday, May 12, 2021

 गणित पढ़ते पढ़ते तो बरसो गुजर गए.....!!

तेरी आंखों में जो देखा तो पता चला सब शून्य हैं...!! 


----- सुनिल शांडिल्य

Tuesday, May 11, 2021

 ऐ हवा इतरा के उनके गालों को 

छू कर चले आना


खिंचे चले आयेंगे वो यूँ ही उनको 

पता मेरा बताना


बहूत हुया इंतज़ार अब इंतेहा हुई

तुम_चले_आना


मामला संगीन है जरा सोच समझ 

के दिल था लगाना 


पल पल भारी है मुझ पर 

आ के शम्मा जलाना


----- सुनिल शांडिल्य

Monday, May 10, 2021

 ख्वाहिशों की इक नदी

बहती रही मनके अंदर मे


डूबते-उतरते रहे हम 

सपनों के बवंडर मे


लगाता रहा मन गोते

भावनाओं के समंदर मे


ढुंढते रहे अंजानी मंजिल

भटकते किसी कलंदर से


जिन्दगी गुजरती रही ठिकाना न मिला

रहे मंझधार मे हरदम किनारा न मिला


---- सुनिल शांडिल्य

Sunday, May 9, 2021

 मोहब्बत की हवा दिल 

की दवा बन गई


दूरी आपकी मेरी चाहत 

की सजा बन गई


कैसे भूलूँ  ऐक पल के लिए तुम्हें

याद ही मेरे जीने की वजह बन गई


गर इंतज़ार ही लिखा है जिंदगी में

तो यही मेरी सज़ा बन गयी 


---- सुनिल शांडिल्य

Saturday, May 8, 2021

 सबसे नजदीक होता है

जिस पर भरोसा होता है


कायनात सी खुशबू सा

वो हर अहसास में होता है


खबर हर कदम की नही

सांसो की आहट का पता होता है


ह्र्दय की हर बात जज्बात

सिर्फ और सिर्फ उसे ही पता होती है


भरोसेमंद कह देने से नही

यकीनन यकीं करने से ही होता है


---- सुनिल शांडिल्य

Friday, May 7, 2021

 है यकीन तुम पर खुद से ज्यादा 

करते है भरोसा तुम पर खुद से ज्यादा 


नही छोङोगे ये साथ चाहे 

दौर हो मुश्किल कितना

करते है विश्वास खुद से ज्यादा 


राह मे आये चाहे तुफा कितने

हो चाहे कांटो भरे सब रास्ते

कर लेंगे हर दरिया पार 

जब तक तुम हम_संग_है 


---- सुनिल शांडिल्य

Thursday, May 6, 2021

 सुकून है राहत है तेरे अल्फाज़ो मे

जिन्दगी की बात है तेरी बातों मे


ख्वाहिश है अरमान है तेरे हर शब्द मे

तमन्नाओं की मुस्कान है तेरे हर नगमे मे


मै हो जाता हूँ भाव-विभोर सुनकर

जब गीत नया तुम गाते हो


---- सुनिल शांडिल्य

Wednesday, May 5, 2021

 तुम न पढ़ो आज कोई गम नही

इतने काबिल लेखक हम भी नही


में भी लफ्ज़ो को देता विराम नही

निःशब्द हो लिखना गुनाह तो नही


माना लफ्ज़ो में मेरे दिखती जान नही

मगर अहसासों की बानगी भी कम नही


कभी में पढ़ता यहा कोई किताब नही

मगर लिखता हूँ वो अहसासों से बाहर नही

Tuesday, May 4, 2021

 मिल कर तुमसे  मुझे

नये तराने मिले हैं


तेरी_मेरी_कहानी में हमको देखो

दोस्ती के खजाने मिले हैं


हर दिन हुआ सुहाना रात हुई रोशन

जीवन को मायने मिले हैं


कट जायेगी उम्र सारी अपनी साथ साथ

दो दोस्त जब पुराने मिले हैं 


----- सुनिल शांडिल्य

Monday, May 3, 2021

 यकीन रख तेरा यकीन 

बरकरार रखूंगा


जीवन की आखिरी सांस तक 

तुझे पास रखूंगा


तुझ पर भरोसा किया है आंख बंद कर

तेरे लिये दिल में ऐहसास रखूंगा


सूरज निकले पश्चिम से निकलता रहे

मैं तो तुझपे विश्वास रखूंगा


----- सुनिल शांडिल्य

Sunday, May 2, 2021

 अब तो जीवन की राहें भी महकती हैं

जब से साथ तेरा पाया है


तुमसे मिल के मंज़िल की तमन्ना ना रही

रास्तों का लुत्फ हमने उठाया है


दिल जो भटका कड़ी धूप में तो एहसास हुआ

सबसे हसीं तेरी ज़ुल्फ़ों का साया है


अब चढ़े दिल पे तेरे रंग हैं

जब से तुम मेरे हम_संग_हैं


---- सुनिल शांडिल्य

Saturday, May 1, 2021

 मंज़िल के बहुत करीब हैं

अब हाथ ना छूटेगा 


सफर चन्द कदमों का है बाकी

तेरा साथ ना छूटेगा


रूह से रूह का हुया है मिलन 

अब कोई वादा ना टूटेगा


ले ली पतवार तेरे जीवन की हाथों में

अब कोई लुटेरा क्या लूटेगा


----- सुनिल शांडिल्य