Monday, October 30, 2017

जिंदगी दो लफ्ज़ों में यूं अर्ज है,
आधी कर्ज है तो आधी फर्ज है......
-Sunil Bhatt


गज़ब का बंधन है..तेरे और मेरे दरमियां ,
ना फासला बना है, ना ही नजदीकियां बढ़ी है..!
-Sunil Bhatt

एक अंश भी नहीं मेरा वो
जिस किरदार को तुमने मेरे नाम से पहचाना है,
मेरी हकीक़त है अंत का वो हिस्सा
जो पूरी किताब पढ़ बोहोत कम ने ही जाना है..

Wednesday, October 25, 2017

मुझे तू माफ़ करना खुदा कभी तुम्हारे दर नहीं आ पाये ,
ख़ुदा जब से उसको माना है कोई कैसे उधर जाये ,
-Sunil Bhatt

नकाब पे नकाब लगा के घूम रहा है हर शख्स
चंद दौलत मिलते ही नज़रिया बदल देता है
-Sunil Bhatt

कुछ ऐसे बितानी हैं एक शाम तेरे साथ,
जब हाथो में हाथ हो
लफ़्ज़ एक भी ना हो
सिर्फ़ नज़रों से बात हो

Saturday, October 21, 2017

यूँ तो सारी उम्र गुज़री यार अपनी दरबदर,
हाँ जो तेरे साथ गुज़रा वो सफर अच्छा लगा।

कैसे कहूँ कि दिल को तेरी आरज़ू नहीं,
ये और बात है कि मेरी किस्मत में तू नहीं।

लबों पे आह दिल में दर्द और आँख में पानी है,
मुहब्बत करने वालों की बस इतनी-सी कहानी है।


Wednesday, October 11, 2017

हम होश खोये हुवे है तो बड़ी बात क्या
आसमाँ खुद परेशां है तुझे जमी पे देखकर

हजारो ख्वाहिशे जगती है दिल मे एक तेरे ख़याल से
और आप है के पूछते हो के क्या आरजू है तुम्हारी

कितने ग़रूर मै है वो मुझे तनहा छोड़ कर
उसे मालूम है मेरे पास कोई नहीं उस के सिवा

Monday, October 9, 2017

स्त्रियों के लिए नही रखता कोई व्रत फिर भी लम्बी उम्र जी लेती हैं करती हैं राधा की तरह प्रेम और मीरा की तरह विष पी लेती हैं!

आज तो सो लू मैं जरा चैन से
सुना है वो जाग रहे है मेरे खयालों मे

क्यो उठाती हो सवाल इन आँखो की लाली पर
ये सुर्खी तेरे लबों की कहाँ सोने देती है मुझको

क्या पता कब, कहाँ से मारेगी
बस, कि मैं जिंदगी से डरता हूँ
मौत का क्या है, एक बार मारेगी