Monday, August 28, 2017

खुदा का शुक्र है मेरे ख़त का जवाब तो आया।
जवाब के साथ उनका भेजा गुलाब तो आया।
जवाब के शुरुआत में ही उसने लिखा था,
चलो तुम्हें आँखें पढ़ने का हिसाब तो आया।
तुम्हारे ख़त से दिल को मेरे सुकून मिला बहुत,
आखिर तुम्हें अपने मिलन का ख्वाब तो आया।
प्यार के रस में डुबो कर लिखा था हर अल्फाज,
अब जा कर जिंदगी में प्यार का शैलाब तो आया।
हीर राँझा, लैला मजनू जितना सच्चा है प्यार अपना,
"
सुनिल" को सच्चे आशिक का ख़िताब तो आया।

जब मैं गया हाल ऐ दिल उसको सुनाने को।
वो पहले से तैयार बैठी थी मेरा दिल दुखाने को।
मैंने अपनी तमाम मजबूरियाँ बताई उसको,
वो समझी मैं झूठ बोल रहा हूँ उसको मनाने को।
मैंने उसको सारे वादे दिलाये जो किये थे उसने,
वो बोली और कुछ भी बचा है क्या बताने को।
मैंने कहा इतनी तो पत्थर दिल ना बनो तुम,
वो बोली बड़े दिनों बाद मिलो हो सताने को।
मैंने कहा मेरी मोहब्बत को यूँ तो रुसवा ना कर,
तेरी बेवफाई का क्या जवाब दूंगा इस ज़माने को।
वो बोली "सुनील" मोहब्बत तुमने की थी मुझसे,
मैंने तो दिल्लगी की थी अपना दिल बहलाने को।

जब से लग गया रोग लोगों को यहाँ हराम की खाने का।
कुछ लोग नेता बन गए कुछ बन गए धर्म के ठेकेदार।।

Thursday, August 24, 2017

मत छीन अपना नाम मेरे लब से इस तरह,
इस बेनाम ज़िंदगी में तेरा नाम ही तो है जीने का एक सहारा. . .”

परखना मत, परखने में कोई अपना नहीं रहता
किसी भी आईने में देर तक चेहरा नहीं रहता

बडे लोगों से मिलने में हमेशा फ़ासला रखना
जहां दरिया समन्दर में मिले, दरिया नहीं रहता

तुम्हारा शहर तो बिल्कुल नये अन्दाज वाला है
हमारे शहर में भी अब कोई हमसा नहीं रहता

मोहब्बत एक खुशबू है, हमेशा साथ रहती है
कोई इन्सान तन्हाई में भी कभी तन्हा नहीं रहता

ख़्वाब इस आँखों से अब कोई चुरा कर ले जाये
क़ब्र के सूखे हुये फूल उठा कर ले जाये

मुंतज़िर फूल में ख़ुश्बू की तरह हूँ कब से
कोई झोंकें की तरह आये उड़ा कर ले जाये

ये भी पानी है मगर आँखों का ऐसा पानी
जो हथेली पे रची मेहंदी उड़ा कर ले जाये

Tuesday, August 22, 2017

दर्द का मेरे यकीन आप करें या न करें,
अर्ज इतनी है इस राज़ की चर्चा न करें.

खुदा न करे कभी आपको खुशियों की कमी हो
कदम के निचे सदा फूलो की जमी हो !!

Tuesday, August 15, 2017

चाहते थे जिसको हम उसके दिल बद्ल गए,
समुंदर तो वोही था लकिन साहिल बदल गए.
कत्ल ऐसा हुवा हर बार किस्तों में मेरा,
कभी खंजर बदल गए तो कभी कातिल बदल गए.

सब को अपना बनाने का हुनर हे तुम में 
काश किसी का बनने का हुनर भी होता



मुहब्बत ऐसा नगमा है ज़रा भी झोल हो लय में
तो सुर कायम नहीं होता
मुहब्बत ऐसा शोला है हवा जैसी भी चलती हो
कभी मद्धम नहीं होता
मुहब्बत ऐसा रिश्ता है के जिसमे बंधने वालों के
दिलों में गम नहीं होता
मुहब्बत ऐसा पौधा है जो तब भी सब्ज़ रहता है
के जब मौसम नहीं होता
मुहब्बत ऐसा रस्ता है अगर पैरों में लर्जिश हो
तो ये महरम नहीं होता
मुहब्बत ऐसा दरिया है के बारिश रूठ भी जाये
तो पानी कम नहीं होता

Saturday, August 12, 2017

जाने किस लिए आँखों में आ गए आंसू
सिखा रहा था बच्चों को मुहब्बत केसे लिखते हैं

'ज़रूरत' दिन निकलते ही निकल पड़ती है 'डयूटी' पर ,
'
बदन' हर शाम कहता है कि अब 'हड़ताल' हो जाए....


तमन्नाओ की महफ़िल तो हर कोई सजाता है.
पूरी उसकी होती है जो तकदीर लेकर आता है..!!

Saturday, August 5, 2017

तेरी सिर्फ एक निगाह ने खरीद लिया हमें.
बड़ा गुमान था हमें की हम बिकते नहीं

तकदीर ने यह कहकर, बङी तसल्ली दी है मुझे,
कि वो लोग तेरे काबिल ही नहीं थे जिन्हें मैंने दूर किया है....


हवा सी बहक गयी है जिंदगी।
फूलों सी महक गयी है जिंदगी।
जब से तुम जिंदगी में आई हो।।
मुझ पर खुशियों की बारिश हो गयी।
पूरी मेरी हर एक ख्वाहिश हो गयी।
जब से तुम जिंदगी में आई हो।।
इंद्रधनुष के रंगों सी रंगीन हो गयी जिंदगी।
बहार ऐ मौसम सी हसीन हो गयी जिंदगी।
जब से तुम जिंदगी में आई हो।।
हमने हर लफ्ज़ दिल से कहा।
दुआ में भी मांगने को कुछ नहीं रहा।
जब से तुम जिंदगी में आई हो।।

Tuesday, August 1, 2017

यूँ तो सिखाने को ज़िन्दगी बहुत कुछ सिखाती है...!!
मगर------
झूठी हंसी हँसने का हुनर तो बस मोहब्बत ही सिखाती है...!!

अगर सफर का मजा लेना हो तो हाथ में सामान कम रखो ।
और जिंदगी का मजा लेना हो तो दिल में अरमान कम रखो।।

ऐसा नहीं.. कि दिल में तस्वीर नहीं थी
पर हाथों में तेरे नाम की लकीर नहीं थी