Thursday, January 29, 2015

हर बार मुझे जख्म ए दिल ना दिया कर !
तू मेरी नहीं तो मुझे दिखाई ना दिया कर !!
सच-झूठ तेरी आँखों से हो जाता हैं जाहिर !
क़समें ना खा, इतनी सफाई ना दिया कर !!

हर वक्त मुस्कुराना फितरत हैं हमारी !
आप यूँ ही खुश रहे हसरत हैं हमारी !!
आपको हम याद आये या ना आये !
आपको याद करना आदत हैं हमारी !!

रिश्ता दोस्ती का बनता हैं अगर तक़दीर होती हैं !
बहुत कम लोगो के हाथ में ये लकीर होती हैं !!
जुदा न हो कभी कोई दोस्त किसी का....!
कसम खुदा की बिछडने पर बहुत तकलीफ होती हैं !!

कुछ रिश्ते अनजाने में हो जाते हैं !
पहले दिल फिर जिंदगी से जुड जाते हैं !!
कहते हैं उस दौर को दोस्ती....!
जिसमे लोग जिंदगी से भी प्यारे हो जाते हैं !!

चाहे प्यार कितना भी दूर रहे !
प्यार के सिलसिले कभी न कम होंगे !!
जब भी लगे तुम तकलीफ में हो !
पलट कर देखना तेरे पीछे हम होंगे !!

Wednesday, January 28, 2015

आज हर - एक पल खुबसूरत हैं !
दिल में सिर्फ दोस्ती की सूरत हैं !!
कुछ भी कहे ये दुनियाँ हमको...!
हमें दुनियाँ से ज्यादा दोस्तों की जरुरत हैं !!

वक्त गुजर जाएगा याद आया करेगी !
हमारी बाते आपको अकेले में गुदगुदाया करेगी !!
याद करते और याद आया करना...!
दूरियाँ नजदीकियों में बदल जाया करेगी !!

आँखों में आँसू की जगह न हो !
मेरे पास आपको भुलाने की वजह न हो !!
अगर भूल जाऊ किसी तरह तो....!
खुदा करे जिंदगी की अगली सुबह न हो !!

झुकी हुई पलकों से उनका दीदार किया !
सब कुछ भुला के उनका इंतज़ार किया !!
वो जान ही न पाई जजबात मेरे.....!
जिसे दुनियाँ में मैंने सबसे ज्यादा प्यार किया

पत्थरों से प्यार किया नादान थे हम !
गलती हुई क्योकि इंशान थे हम....!!
आज जिन्हें नज़रें मिलाने में तकलीफ होती हैं !
कभी उसी सक्स की जान थे हम....!!

Tuesday, January 27, 2015

देख के हमको वो सर झुकाती हैं !
बुला के महफिल में नज़रे चुराती हैं !!
नफरत हैं हमसे तो भी कोई बात नही !
पर गैरों से मिल के दिल क्यो जलाती हैं !!

दिल करता हैं मेरा की कोई रात ऐसा आए !
देखे जो साथ हमको फिर लौट के ना जाए !!
मैं तुमसे कुछ ना बोलू, तू मुझसे कुछ ना बोले !
खामौसियाँ भी सोचे की ये कौन सी अदा हैं !!

दिल से तेरा ख्याल न जाए तो मैं क्या करू !
तू ही बता तू याद आए तो मैं क्या करू !!
हसरत तो ये हैं की एक नज़र तुझे देख लूँ !
मगर किश्मत वो लम्हे न लाये तो मैं क्या करू !!

हम वो नहीं की भूल जाया करते हैं !
हम वो नहीं जो निभाया करते हैं !!
दूर रहकर मिलना सायद मुस्किल हो !
पर याद करके सांसो में बस जाया करते हैं !!

तेरे होठों से लग कर ये हवा शराब बन गई !
आँखों से लग कर ये हिजाब बन गई !!
सच ही कहती हैं ये दूनियाँ जानेमन !
की मुझ से मिलकर तू लाजबाब हो गई !!

Monday, January 26, 2015

नहीं सिर्फ जश्न मनाना , नहीं सिर्फ झंडे लहेराना
यह काफी नहीं हे वतन परस्ती
यादों को नहीं भुलाना जो कुर्बान हुए
उनके लफ्जों को आगे बढ़ाना
औरों के लिए नहीं,
ज़िंदगी वतन के लिए लूटाना

भारतीय होने पर करिए गर्व
मिलके मनाए लोकतन्त्र का पर्व
देश के दुश्मनों को मिलके हराओ
हर घर पर तिरंगा लहेराओ

जमाने भर मे मिलते हे आशिक कई
मगर वतन से खूबसूरत कोई नहीं होता
सोने के कफन मे लिपट मरे शाशक कई
मगर तिरंगे से खूबसूरत कोई कफन नहीं होता

Saturday, January 24, 2015

काश वादों का मतलब वो समझते !
काश खामौसी का मतलब वो समझते !!
नज़र कहती हैं हजार बातें !
काश मेरे एक नज़र का मतलब वो समझते !!

दोस्त कह कर दोस्त से दगा कर बैठा !
वो आज एक ऐसा खता कर बैठा !!
कहता था तुझे कभी हम खपा ना होने देगे !
आज वो खुद ही हमें खपा कर बैठा !!
आदत थी उसे सबोके गमो को दूर करने की लेकिन !
हमारे लिए ही वो गमो की दुआ कर बैठा !!

हम उम्मीद की दुनियाँ बसाते रहे!
वो भी हर कदम पे आजमाते रहे!!
जब मोहब्बत के इम्तहान में मरना परा!
हमने जान दे दी, वो कसमे खाते रहे!!

दिल तोड़ना सजा है मुहब्बत की! 
दिल जोड़ना अदा है दोस्ती की!
मांगे जो कुर्बानियां वो है मुहब्बत! 
और जो बिन मांगे कुर्बान हो जाये वो है दोस्ती!

देखो मेरी आँखों में ख्बाब किसका है! 
देखो मेरे दिल में तूफ़ान किसका है!
तुम कहते हो मेरे दिल के रास्ते से कोई नहीं गुज़रा! 
तो फिर यह पैरों के निशान किसके हैं!

Friday, January 23, 2015

रोयेंगी ये आँखे मुस्कराने के बाद
आएगी रात दिन ढल जाने के बाद,
कभी रूठना ना मुझसे मेरे दोस्त
शायद ये जिन्दगी ना रहे तेरे रूठ जाने के बाद!

साथ छोड़ के कभी हमसे जुदा मत होना
वफ़ा चाहिए तुमसे,बेवफा मत होना,
रूठे चाहे सारी दुनियाँ हमसे,पर
दोस्त तुम कभी खफ़ा मत होना!

सजा मिली है उनसें दूर रहने की
ये बात नही है किसी और से कहने की,
हम तो रह लेंगे उनके बिना भी,पर
इन आशुओ को आदत है,उनकी याद में बहने की!

हर रात एक नाम याद आता है
कभी सुबह कभी शाम याद आता है,
जब सोचता हूँ कर लू दूसरी मोहब्बत
फ़िर पहली मोहब्बत का अंजाम याद आता है!

कशिश होनी चाहिए किसी को याद करने की! 
लम्हे तो अपने आप मिल जायेंगे!
वक़्त होना चाहिए किसी को मिलने का! 
बहाने तो अपने आप मिल जायेंगे

Thursday, January 22, 2015

बताओ दिल की बाजी में भला क्या बात गहरी थी
कहा यूं तो सभी कुछ ठीक था पर मात गहरी थी

सुनो बारिश , कभी ख़ुद से भी भर कर कोई देखा है
जवाब आया उन अशकों की मगर बरसात गहरी थी

सुनो पीतुमने होले से कहा था क्या, बताओ गे ?
जवाब आया कहा तो था मगर वो बात गहरी थी


दिया दिल का सुमंदर उसने तुमने क्या किया उस का?
हमे बस डूब जाना था के वो सौगात गहरी थी

वफ़ा का दस्त कैसा था बताओ तुम पे क्या बीती
भटक जाना ही था हम को वहाँ पर रात गहरी थी

तुम उस के जिक्र पर क्योँ डूबे जाते हो ख्यालों में
रफक़त और अदावत अपनी उस के साथ गहरी थी

नज़र आया तुम्हे उस अजनबी में क्या, बताओ गे ?
सुनो कातिल निगाहों की वो जालिम घात गहरी थी

दोस्ती इन्सान की ज़रुरत है! 
दिलों पर दोस्ती की हुकुमत है!
आपके प्यार की वजह से जिंदा हूँ! 
वरना खुदा को भी हमारी ज़रुरत है!

उदास लोगों से प्यार करना कोई तो सीखे
सफ़ेद लम्हों में रंग भरना कोई तो सीखे

कोई तो आये खिजां में पत्ते उगाने वाला
गुलों की खुशबू को कैद करना कोई तो सीखे

कोई दिखाए मोहब्बतों के सराब मुझ को
मेरी निगाहों से बात करना कोई तो सीखे

कोई तो आये ने रूठों का पयाम ले कर
अँधेरी रातों में चाँद बनाना कोई तो सीखे

कोई पैगम्बर , कोई इमाम -ए -ज़मान ही आये
एशीर सोचों में सोच भरना कोई तो सीखे

एक मोड़ वो भी आता है 
जहाँ सब भ्रम टूट जाता है ?
ज़िन्दगी तो ऐसी ही बाती है 
जिसमे तेल कभी ज्यादा तो कभी कम पड़ जाता है .

मेरे ख्यालों से मुझे मोहब्बत है .
मुझे इनसे जुदा ना करना .?

अच्छा चलो एक सौदा करते है ??
तुम खुद को मेरे हवाले कर दो ?
फिर मेरे ख़याल सारे तुम्हारे
इनका जो चाहे सो करना ?

Wednesday, January 21, 2015

फिजाओ बदलने का इंतजार नहीं करते 
आंधीओ के रुकने का इंतजार नहीं करते
याद कर लेते है हम कुछ खास दोस्तों को ,
उनके याद करने का इंतजार नहीं करते ||

वादे पे मेरे वो एतबार नहीं करते ,
हम जिक्रे मोहब्बत सरे बाजार नहीं करते|
डरता है दिल उनकी रुसवाइयों से ,
और वो सोचते है हम उनसे प्यार नहीं करते||

जिंदगी ताजमहल हो जाए
चांदनी खिल के कमल हो जाए |
तुम जो बन जाओ दोस्त मेरे
दिल की धड़कन भी एक गजल हो जाए ||

वादा ना करो अगर तुम निभा ना सको,
चाहो ना उसे जिसे तुम पा ना सको,
दोस्त तो दुनिया में बहुत है.पर एक ख़ास रखों
जिसके सिवा तुम मुस्कुरा ना सको |

चाँद तारो का नूर आप पे बरसे,
हर कोई आपकी चाहत को तरसे,
आपकी जिन्दगी में आये इतनी खुशिया ,
कि आप एक गम पाने को तरसें,

Tuesday, January 20, 2015

ये याद है आपकी या यादों में आप हो
ये ख्वाब है आपके या ख्वाबों में आप हो?हम नहीं जानते बस इतना बता दो!
हम जान है आपकी या जान हमारी आप हो?


Monday, January 19, 2015

बदला जो वक्त ,गहरी दोस्ती बदल गयी,सूरज ढाला तो साए की सूरत बदल गयी,एक उम्र तक हम उ़सकी ज़रूरत बने रहे,फिर यूँ हुआ की उसकी ज़रूरत बदल गयी

कभी ना भूले आप के होठ मुस्कराना,
कभी ना ख़त्म हो आपकी खुशियो का खजाना |
आपको जहान की हर ख़ुशी मिले ,
चाहे खुदा को ही जमीन पर पड़े आना |

तुझे जाना तेरे करीब आने के बाद,
तुझे समझा तुमसे दिल लगाने के बाद |
मुझे अपना गम नहीं दुःख तेरा हैं,
कौन चाहेगा तुझे इतना मेरे जाने के बाद |

दिल की हालत की तरफ किसकी नज़र जाती है
प्यार की उम्र तमन्नाओ मे गुज़र जाती है
मै रो पडता हूँ जब याद तुम्हारी आती है
जमाना हंसता है जब मोहब्बत रुठ जाती है|

कुछ लोग यादो को दिल की तस्वीर समझते हैं,
दोस्तों की यादो में महफ़िल समझते हैं ,
हम थोड़े अलग हैं ? जो किसी को याद आने से पहले
उनको अपनी याद दिलाते हैं

अपने होठो पर सजा कर तुझे
हम तेरे ही गीत गाना चाहते है,जल कर बुझ जाना हमारी किस्मत सही
बस एक बार रोशन होना चाहते है|

दोस्त क्या खूब वफाओं का सिला देते है
हर नए मोड़ पे एक दर्द नया देते है
तुम से तो खैर घडी भर का ताल्लुक रहा
लोग सदियों की रफ़क़त भुला देते है
कैसे मुमकिन है धूअन भी न हो और दिल भी जले
चोट पड़ती है तो पत्थर भी सजा देते है
कौन होता है मुसीबत में किसी का ए दोस्त
आग लगती है तो पत्ते भी हवा ही देते है
जिन पे होता है दिल को भरोसा
वक़्त पड़ने पे वही लोग धोका भी देते है

ए दिल तू मुहब्बत करता क्यूँ है
जो करता है तो फिर तड़पता क्यूँ है ?
जो बैठ गया है दिल में प्यार का दर्द बनके
वोह आँखों के रस्ते निकलता क्यूँ है ?
मैं तेरे साथ हूँ हर राह में मुझसे कहती थी वो
तो फिर आज यह रास्ता मुझे सुनसान लगता क्यूँ है ?
मैं धड़कन हूँ उसके दिल की वह कहती थी मुझसे
फिर आज उसका दिल मेरे बिना धड़कता क्यूँ है ?
वह मेरी नहीं है यह जानता हूँ मैं फिर भी
किसी और के साथ देख के उसको दिल मचलता क्यूँ है ?
यह दिल भी अजीब होता है दोस्तों
कभी कहता है जा थाम ले उसके हाथों को
फिर रह रह के संभालता क्यूँ है ?

सोचा न था तेरी उल्फत मे ऐसी ठोकर खाएँगे
प्यार की दुनिया मे सांस लेने से पहले ही मर जायेंगे
अब पता चला की इश्क एक खेल है कोई जस्बात नहीं
और कितनी दिल यहाँ जीते और हारे जायेंगे
चाहता तो हु मगर आसान नहीं तुझे भूलना
तेरी यादों के सहारे युही दिन कटते जायेंगे

Sunday, January 18, 2015

उसको चाहा भी तो इकरार करना ना आया ,
कट गयी उम्र , हमें प्यार करना ना आया ,
उसने माँगा भी अगर कुछ तो मांगी जुदाई ,
और एक हम थे के इनकार करना ना आया

रात की तन्हाई में उनको आवाज़ दिया करते हैं
रात में सितारों से उनका जिक्र किया करते हैं
वह आयें या न आयें हमारे ख्वाबों में
हम तो बस उन्ही का इंतज़ार किया करते हैं