Thursday, February 26, 2015

सब कुछ लुटा दिया फ़क़त तुझ पे भरोसा कर के ,
जाने क्यूँ बहुत रोये हम आज ऐसा कर के ... !

ये बता मेरी बेबसी पे मुस्कुराने वाले ,
कया मिला तुझ को मेरे दुःख में इजाफा कर के ... !!

क्या कभी तू ने भी मुझ से मोहब्बत की थी ,
पूछ ज़रा खुद को आईने में खड़ा कर के ... !!!

काश तू मेरे दर्द में हमदर्द बना होता ,
तू ने तो छोड़ दिया मुझ को तमाशा कर के ... !!!!

दूर तलक गूंजते हैं यहाँ सन्नाटे रात भर
दिन के शोर ओ शराबे में भी होता हूँ मैं तन्हाँ!
दिल की आवाज़ भी सुन लो, सुन लो मेरी आरज़ू
कहाँ तलाशूँ तुझे मैं, तुम हो कहाँ, मैं हूँ कहाँ?

हर इंसान सपनो का जन्हा बनता है,
पर वो सपना ही रह जाता है,
पंछी उड़कर आसमान तक जाते तो है,
पर कुछ जमीन से उड़ ही नही पाते है,
कुछ के सपने सपने ही रह जाते है,
तो कुछ का सपना साकार हो जाता है,
हर इंसान सपनो का जन्हा बनता है...............
पंछी घरोंदो में जाकर सपने तो सजाते है,
पर आँख खुलने पर सपनो से दूर हो जाते है,
जब नए रिश्ते बनते है तो पुराने छुट जाते है,
नए रिस्तो में दिल ख़ुद को भूल जाता है,
हर इंसान सपनो का जन्हा बनता है.........

आँखे जब बंद है तो सपनो की दुनिया दिखती है,
खुली जब आँखे तो अपनों की दुनिया मिलती है,
कितने अनजान रिश्ते है ये दिल सहम जाता है,
याद करू कुछ और,कोई और याद आता है,
हर इंसान सपनो का जन्हा बनता है............


आज लौटा है तो, वो मांगने सामान अपना
हाल पूछा भी तो, सुना के फैसला अपना
बात भी क्या हुई सिर्फ सवाल हुए
सफाई देने में किस्सा तमाम हुआ अपना


Friday, February 20, 2015

बात दिन की नहीं , अब रात से डर लगता है ,
घर है कच्चा मेरा , बरसात से डर लगता है ... !

तेरे तोहफे ने तो बस खून के आंसू ही दिए ,
ज़िन्दगी अब तेरी सौग़ात से डर लगता है ... !!

प्यार को छोड़ कर तुम और कोई बात करो ,
अब मुझे प्यार की हर बात से डर लगता है ... !!!

मेरी खातिर ना वो बदनाम कही हो जायें ,
इस लिए उन की मुलाक़ात से डर लगता है ... !!!!

उलझें रहेंगे आप सदा, एक सवाल में
छिड़ेगी जब भी बात कभी मेरे बारे में
दिल भी बहुत दुखेगा, आंखें भी रोएंगी
जब भी करोगे फैसला, तुम अपने बारे में

लगा के इल्ज़ाम कोई वो मुझको छोड़ जाता
तन्हाई काटने का कोई इंतजाम कर जाता
चुभते ही रहते भले, मुझे अल्फाज ही उसके
पर मुझसे थी उम्मीद उसको, ये अंदाजा लग जाता

छोटा समझ के किसी को यूं नकारा नहीं करते
बीज को आकार से उसके नापा नहीं करते
हो हकीकत कितनी भी किताब में किसी की
आंख से पढ़ने को ही पढ़ना नहीं कहते

Wednesday, February 18, 2015

मेरा दर्द मेरा सिर्फ खुदा जानता है
फिर तुझे कैसे कह दूं, तू खुदा तो नहीं
माना तू बंदा है मेरे खुदा का
तू हिस्सा है उसका, पर उस सा नहीं

शाख में कांटे कितने भी हों पर छांव कभी चुभती नहीं है
कोशिश जारी कितनी भी हो आरी से पानी कटता नहीं है

अब भी तेरे हुस्न का असर बाकी है।
दिल टकराकर टूट जाएगा तेरे सीने में पत्थर बाकी है।।
सितमगर फिर तुझे मौका ना मिले शायद।
जी भरकर बर्बाद कर ले जो थोड़ी कसर बाकी है।।

जिधर से वो निकलीं उनके पीछे-पीछे कारवां चल पड़ा।
जमीं सरकने लगी पीछे-पीछे उनके आसमां चल पड़ा।।
मैं पीछे गया तो लोगों ने मुझे बदनाम कर दिया।
कोई नहीं बोला जब उनके पीछे सारा जहां चल पड़ा।।

Tuesday, February 17, 2015

लोगों के ठहाकों के साथ मैंने बहाए आंसू।
ना जाने किस-किस को मैंने दिखाए आंसू।।
महफिलों में जब भी उनका जिक्र आया यारों।
तो मेरी इन आंखों में आए आंसू।।

Saturday, February 14, 2015

मोहब्बत करने वालों के चालान काटे जाएंगे।
वफा करनेवालों के नाम छांटे जाएंगे।।
तीन कदम मेरे लिए भी रख छोड़ना।
सुना है आशिकों को श्मशान बांटे जाएंगे।।

अपनी गलियों से गुजरने का ना दोष दो हमें।
दीवानगी खींच लाती है दिल के हाथों लाचार हैं हम।।
तेरी गलियों के बिना तड़प-तड़प के मर जाएंगे !
तेरी गलियां वो दवा है जिसके बीमार हैं हम।।

"एक वादा था तेरा हर वादे के पीछे,
तू मिलेगी मुझे हर दरवाज़े के पीछे,
पर तू मुझे रुसवा कर गई,
एक तू ही न थी मेरे जनाजे के पीछे".

इतने में लड़की की आवाज़ आई,

एक वादा था मेरा हर वादे के पीछे,
मैं मिलूंगी तुझे हर दरवाज़े के पीछे,
पर तुने ही मूड़ के न देखा,
एक और जनाज़ा था तेरे जनाज़े के पीछे....


जो पल पल चलती रहे वो है ज़िन्दगी
जो हर पल जलती रहे वो है रौशनी
जो पल पल खिलती रहे वो है मोहब्बत
जो किसी भी पल साथ न छोडे वो है दोस्ती

Friday, February 13, 2015

महेक मोहब्बत की कम नहीं होती,
मोहब्बत से भी जिंदगी कम नहीं होती,
साथ ज़िन्दगी मे दोस्ती का हो अगर,
तो ज़िन्दगी जन्नतसे कम नहीं होती

हसना हमारा किसी को गवारा नहीं होता
हर मुसाफिर जिंदगी का सहारा नहीं होता
मिलते है बहोत लोग इस तनहा जिंदगी मे
पर कोई दोस्त तुमसा प्यारा नहीं होता

वक़्त गुज़रता रहा पर सांसे थमी सी थी,
मुस्कुरा रहे थे हम,पर आँखों में नमी सी थी,
साथ हमारे ये जहाँ था सारा,
पर न जाने क्यों तुम्हारी कमी सी थी |


तलाश करो कोई तुम्हे मिल जायेगा,
मगर हमारी तरह तुम्हे कौन चाहेगा,
ज़रूर कोई चाहत की नज़र से तुम्हे देखेगा,
मगर आंखें हमारी कहाँ से लायेगा!

Thursday, February 12, 2015

दिल मे इंतेज़ार की लकीर छोड़ जाएँगे..
आँखो मे यादों की नमी छोड़ जाएँगे..
ढूँढते फ़िरोगे हमें एक दिन
ज़िंदगी मे एक यार की कमी छोड़ जाएँगे

किसिको मोहब्बत की अचाई ने मार डाला
किसिको मोहब्बत की गहराई ने मार डाला। 
करके मोहब्बत कोई ना बच सका
जो बच गया उसे तन्हाई ने मार डाला

वफ़ा भी उन्हों ने क्या खूब निभाया
गम मुफ़्त मे और दर्द तोहफे मे भीजवाया
इस से बढ़ कर किया मिसाल दे
की मौत से पहले ही उन्होने कफ़न भीजवाया

कोई आँखों आँखों से बात कर लेता है
कोई आँखों आँखों में मुलाकात कर लेता है
मुश्किल होता है जवाब देना
जब कोई खामोश रहकर भी सवाल कर लेता है

मुझसे परदा है तो फिर ख्वाब मे आते क्यू हो..
प्यार की शमा मेरे दिल मे जलाते क्यूँ हो..
अलविदा कहने को आए हो तो फिर मिलना कैसा..
है बिछड़ना तो गले लगते क्यूँ हो

Wednesday, February 11, 2015

कही अंधेरा तो कही शाम होगी,
मेरी हर खुशी तेरे नाम होगी,
ए दोस्त कुछ माँग कर तो देख,
होठो पर हसी ओर ज़िंदगी तेरे नाम होगी

दिल के कोने से एक आवाज़ आती है
हमें हर पल उनकी याद आती हैं,
दिल पूछता है बार बार हमसे 
जिन्हें हम याद करते है, क्या उन्हें हमारी याद आती है

ज़िंदगी नहीं हमें दोस्तों से प्यारी,
दोस्तों पे हाज़िर है जान हमारी,
आँखों में हमारी आँसू हैं तो क्या,
जान से भी प्यारी है मुस्कान तुम्हारी

Sunday, February 8, 2015

वक़्त के पन्नो को पलट कर कुछ याद आता है . 
वो गुज़रा कल जिसे दिल चाहता है
कभी बिताये थे लम्हे साथ मिलकर
आज उन दोस्तों को देखने को दिल तरस जाता है

यह आँसू भी एक अलग परेशानी है.
ख़ुसी और गम दोनो की निशानी है.
समजने वाले के लिए तो अनमोल है.
और जो ना समझ पाए उनके लिए तो सिर्फ़ पानी है |

मिले हो आप तो मुझसे दूर मत जाना !
जिंदगी में अकेला मुझे छोड के मत जाना !!
खता हो गई हो तो माफ कर देना मुझे !
मगर दुसरो के सहारे हमे छोड मत जाना

नींद आये भी तो अब ख्वाब कहाँ आते हैं ,
तू बता ऐ दील - ऐ - बेताब , कहाँ आते हैं ,
हमको खुश रहने के आदाब कहाँ आते हैं ,
मैं तो यक्मुष्ट उससे सौंप दूं सब -कुछ लेकीन ,
एक मुठी में मेरे ख्वाब कहाँ आते हैं ,
मुद्दतों बाद तुझे देख के दील भर आया ,
वरना सहराओं में सेलाब कहाँ आते हैं ,
मेरी बेदार निगाहों में अगर भूले से ,
नींद आये भी तो अब ख्वाब कहाँ आते हैं ,
शिद्दत -ऐ -दर्द है या कसरत -ऐ -मई - नोशी है ,
होश में अब तेरे बेताब कहाँ आते हैं ,
हम कीसी तरह तेरे दर पे ठीकाना कर लें ,
हम फकीरों को ये आदाब कहाँ आते हैं ,
सर - बसर जीन में फ़क़त तेरी झलक मीलती थी ,
अब मुयस्सर हमें वोह ख्वाब कहाँ आते हैं ,
सद्द गया जींदा ही तेरे इश्क दी अग्नी छ मैं ,

--unknown 

Saturday, February 7, 2015

फूलों से क्या दोस्ती करते हो वह तो मुरझा जाते हैं,
करना है तो कांटो से दोस्ती करो जो चुभ कर भी याद आते हैं


लीखूं कुछ आज ये वक्त का तकाजा हैं,
दिल में दर्द अभी ताजा है,
गिर पडते हैं आंसू मेरे कागज पर,
लगता है कलम में स्याही कम दर्द ज्यादा है |


लौट जाते हैं लोग गम हमारा देख कर,
जैसे लौट जाती है लहरे किनारा देख कर,
तु कंधा न देना मेरे जनाजे को,
कही जींदा न हो जाऊं तेरा सहारा देख कर

Friday, February 6, 2015

वादे करते हैं,कसमें खाते हैं,
फ़िर भी न जाने लोग क्यूं साथ छोड जाते हैं,
हमे तो तकलिफ़ होती है फ़ुल तोडने में भी,
न जाने कैसे लोग दिल तोड जाते है |

उस दिल से प्यारकरो जो तुम्हें दर्द दें,
पर उस दिल को कभी दर्द न दो जो तुम्हें प्यार” करें
क्यों कि तुम सारी दुनीया के लिए एकहो,
लेकिन किसी एक के लिए सारी दुनीया हो

दिल जीत ले वो जीगर हम भी रखते हैं,
कातिल कर दे वो नजर हम भी रखते हैं,
वादा किया हैं किसी को सदा मुस्कुराने का,
वरना आंखो में समंदर हम भी रखते हैं

ख्याल में आता है जब उसका चेहरा
तो लबों पे अक्सर फ़रियाद आती है
हम भूल जाते हैं उसके सारे सितम ..
जब उसकी थोड़ी सी मुहब्बत याद आती है

Thursday, February 5, 2015

इतनी मोहब्बत है मेरे दिल में आपके लिये
कि यह कभी कम न हो पायेगी
जिस दिन जायेंगे इस दुनिया से
उस दिन मौत भी आंसूं बहायेगी

यह जरूरी नहीं कि हर किसी का कोई सहारा हो
कि जिसे हम प्यार करें उसे भी हमसे प्यार हो
कुछ कश्तियां तो समंदर मैं ही डूब जाती हैं
यह जरूरी नहीं कि हर किश्ती का कोई किनारा हो

यहाँ लोगो ने खुद पर इतने परदे डाल रखे है
किसके दिलमे क्या है नज़र आना भी मुश्किल है
माना की ख्वाबो में मुलाकात होगी उनसे
पर यहाँ तो उनके बिना नींद आना भी मुश्किल है

उनको अपने हाल का हिसाब क्या देते
सवाल सारे गलत थे जवाब क्या देते
वो तो लफ्जों की हिफाज़त भी न कर सके
फिर उनके हाथों में जिंदगी की पूरी किताब क्या देते

तेरी उल्फत को कभी नाकाम ना होने देंगे
तेरी दोस्ती को कभी बदनाम ना होने देंगे
मेरी जिंदगी में सूरज निकले ना निकले
तेरी जिंदगी में कभी शाम न होने देंगे

Wednesday, February 4, 2015

फिर चाँद खिला,फिर रात थमी,फिर दिल ने कहा,है तेरी कमी,फिर यादो के झोके महक गये,फिर पागल अरमान बहक गये,फिर जन्नत सी लगती है ज़मीन,फिर दिल ने कहा,है तेरी कमी,


एक दिन मेने दिल से पूछा…
क्यूँ तू किसी पे आता है…
किसी दिन तेरे टुकड़े हो जाएँगे…
तो दिल ने कहाँ मुझे टूटने का गम नही…
तोड़ने वाले की खुशी प्यारी है

सोचा ना था वो हमें यूँ भूल जायेंगे
इक छोटी सी खता की हम ऐसी सज़ा पायेंगे
क्या करें हमें तो भूलना भी नहीं आता
तुम्हारे लफ्ज़ सुने बिना अब रहा नहीं जाता
तुम ना हो तो तुम्हारी तस्वीर से बातें कर लिया करते थे
पर अब तो तुम्हारा अक्स भी हमसे रुसवा रहता है

सोचा था कभी तो पलट कर देखो गे इस ओर,
पर तुम तो नाता ही तोड़ कर चल दिए;
कच्चे धागे थे जो टूट गए, समझाता हूँ अक्सर मैं खुद को,
पर ये कम्बख्त दिल है कि मानता नहीं!


हस्ते रहें आप हजारों के बीच में
जैसे हस्ते हैं फूल बहारों के बीच में
रोशन हो आप दुनिया में इस तरह
जैसे होता है चाँद सितारों के बीच में