Monday, June 30, 2014

माना इश्क है खुदा, प्यार करने वालों के लिये
पर हम तो अपना सिर झुकाते हैं, दोस्ती में..

ओर एक ही दवा है गम की दुनिया में क्युकि..
भूल के सारे गम, दोस्तों के साथ मुस्कुराते हैं, दोस्ती में..

सिर्फ़ भ्रम है कि दोस्त होते हैं अलग-अलग..
दर्द हो इनको ओर, आंसू उनके आते हैं , दोस्ती में..

कौन केहता है कि दोस्त हो सकते हैं जुदा कभी..
दूर रेह्कर भी दोस्त, बिल्कुल करीब नज़र आते हैं, दोस्ती में..

नाम की तो जरूरत ही नहीं पडती इस रिश्ते मे कभी..
पूछे नाम अपना ओर, दोस्तॊं का बताते हैं, दोस्ती में..

येह तो बहाना है कि मिल नहीं पाये दोस्तों से आज..
दिल पे हाथ रखते ही एहसास उनके हो जाते हैं, दोस्ती में..

जरुरत नहीं पडती, दोस्तों की तस्वीर की.
देखो जो आईना तो दोस्त नज़र आते हैं, दोस्ती में..

दोस्ती नाम नहीं सिर्फ़ दोस्तों के साथ रेहने का..
बल्की दोस्त ही जिन्दगी बन जाते हैं, दोस्ती में


रेत पर नाम लिखते नहीं 
रेत पर लिखे नाम कभी टिकते नहीं 
लोग कहते हैं पत्थर दिल हैं हम
लेकिन पत्थरों पर लिखे नाम कभी मिटते नहीं

हर खुशी दिल के करीब नहीं होती
ज़िंदगी ग़मों से दूर नहीं होती
इस दोस्ती को संभाल कर रखना 
क्यूंकि दोस्ती हर किसी को नसीब नहीं होती

कोई दौलत पर नाज़ करते हैं 
कोई शोहरत पर नाज़ करते हैं 
जिसके साथ आप जैसा दोस्त हो 
वो अपनी किस्मत पर नाज़ करते हैं

आज हम हैं कल हमारी यादें होंगी
जब हम ना होंगे तब हमारी बातें होंगी
कभी पलटोगे जिंदगी के ये पन्ने
तब शायद आपकी आंखों से भी बरसातें होंगी

दोस्तों की कमी को पहचानते हैं हम 
दुनिया के गमो को भी जानते हैं हम
आप जैसे दोस्तों का सहारा है 
तभी तो आज भी हँसकर जीना जानते हैं हम

दोस्ती गजल हैँ गुनगुना ने के लिए
दोस्ती इक नगमा हैँ सुनाने क लिए
दोस्ती एक जज्बा हैँ जो सब को मिलता नहीँ
क्योँ की जिगर चाहिए दोस्ती निभाने के लिए

Sunday, June 29, 2014

हर किसी को किसी की तलाश है,
हर कोई ढुंढता अपने लिए कोई खास है,
साफ नजर आ जायेगा जरा गौर से देखो,
शायद वो कहीं तुम्हारे ही आस-पास है |

हमने मांगी थी अक्सर दुआए बहुत,
हसरतो को मगर,उम्र दे न सके !

तेरे दामन को भर देते फूलों से हम,
कांटो को पर अलग उनसे कर न सके!


बेखुदी में जिए तो क्या गम है,
कभी ख़ुद को जुदा तुमसे कर न सके!


दर्द की सीप में बंद मोती मिले,
कतरे उन अश्को के जो गिर न सके!!

दर्द कितना हो पर आंखे आंसूओ को आने नहीं देतीं
मेरी बेखुदी मेरे इश्क की खबर तेरी यादों को भी होने नहीं देतीं
गर मेरे इश्क का पता तेरी यादों को लग जाये तो परेशान हो जाये तू
क्युकी फिर ये हिचकियाँ रात भर तुझे सोने नहीं देतीं

गर आँसू तेरी आँख का होता,
गिरता गाल को चुमते हुए,
फिर गिर के तेरे होठों पर,
फना हो जाता वहीं हॅसते हुए,
पर
जो तुम होती मेरी आँख का आसु,
भले गुजरती उम्र गम सह-सह कर,
तुझे खो ना दूं कही, इस डर से
मै ना रोता ज़िदगी भर|

मागी थी मौत तो जिन्दगी दे दी 
हमे अन्धेरो मै भी रोशनी दे दी
मैने पुछा खुदा से की क्या नायाब चीज है आपके पास 
तो खुदा ने हमको आपकी दोस्ती दे दी|

Saturday, June 28, 2014

खुदा ये कैसा फैसला तेरा,
क्या मेरी मोहब्बत थी झुठी,
उनको उनका प्यार मिला,
मुझसे किस्मत क्यों रूठी,
वो नही मिले क्यों मुझको?
इस पर जवाब खुदा का आया,
तुने सच्चे दिल से उसकी खुशीयाँ माँगी,
तभी तो उसे उसका प्यार मिल पाया.

एतबार की जरुरत किसको नहीं होती,
एक यार की जरुरत किसको नहीं होती,
मिलता नहीं कोइ हमसफर साथ निभाने के लिये,
वरना प्यार की जरुरत किसको नहीं होती|

खुदा ने भी ली है कसम , करवाएगा वह अपना मिलन 
बस प्यार भरी होगी हर शाम , नफरत का ना होगा चलन। 
तुम्हारे इकरार ने रचा है एक नया इतिहास , 
इस पल को ना भूल पाएंगे , यह लम्हा है कुछ खास।

आंखों में भरकर तेरे सपने , गाते रहे तेरे ही नगमे 
खुद को दी हर कसम , जो साथ ना खा सके कसमें , 
साथ तुम ना रही कभी , पर निभाई हमने सभी रस्में 
पल भर भी भूल जाऊं तुम्हें , कहां ये अपने बस में।

क्या खूब फेलाया है रंग मौसम ने अपना
लग रहा है जैसे जगते हुवे देख रहा हुं सपना
नम नम बुंदे देखो ऐसे बिखराई है
जैसे कोई अप्सरा अभी अभी नाह कर आई है
हलकी हलकी रोशनी ऐसे छायी है

न रास्ता सुझाई देता है, न मंजिल दिखाई देती है,
न लफ्ज़ जुबां पर आते हैं, न धड़कन सुनाई देती है,
एक अजीब सी कैफियत ने आन घेरा है मुझे,
की हर सूरत में, तेरी सूरत दिखाई देती है...

दिल में प्यार का आगाज हुआ करता है,
बातें करने का अंदाज हुआ करता है,
जब तक दिल को ठोकर नहीं लगती,
सब को अपने प्यार पर नाज हुआ करता है

Wednesday, June 25, 2014

हमारें आंसू पोछ कर वो मुस्कुराते हैं,
इसी अदा से तो वो दिल को चुराते हैं,
हाथ उनका छू जाए हमारे चेहरे को,
इसी उम्मीद में तो हम खुद को रुलाते हैं.

किसी परी की जवानी लगी थी तुम,
प्यार की एक कहानी लगी थी तुम,
सबूत तूम ही थी कुदरत के नूर का,
जीती जागती कोई निशानी लगी थी,

तेरे प्यार को, तेरे चाहत तो सलाम,
कदमो को तेरे, तेरी आहट को सलाम.
जिस प्यार से तुने सवारी जिंदगी मेरी,
ऐ मेरे यार तेरी इस इनायत को सलाम.

तुम रहो उदास् यह मै सह नही सकता,
मज़बूर हँ इसलिए कुछ भी कह नही सकता,
तुमने दामन बचा लिया रस्मे वफा से वरना,
मै एक पल भी तुम बिन रह नही सकता.

फिजा में महकती एक शाम हो तुम
प्यार में छलकता जाम हो तुम
सीने में छुपाये फिरते है हम याद तुम्हारी
मेरी ज़िन्दगी का दूसरा नाम हो तुम !

कुछ मीठे पल याद आते है,
पल्को पर खुशी के आँसू छोड जाते है,
कल कोई और मिले तो हमे ना भूलना,
कुछ रिस्ते जिंदगी भर काम आते है.

आज भीगी है पलके आपकी याद मे,
अक्स भी सिमट गया है अपने आप मे,
ओस की बूंदे ऐसे बिखरी है पत्तो पर.
मानो चाँद भी रोया है आपकी याद मे…

Tuesday, June 24, 2014

ज़िन्दगी में कुछ लम्हे खास बन गए 
मिले तो ये मुलाकात बन गए 
बिछड़े तो याद बन गए 
और जो दिल से ना जाए वो आप बन गए !

नज़र से जब दिल का टकराव होता है,
हर मोड़ पर किसी का इंतजार होता है
दिल रोता है ज़ख्म हँसते है,
शायद इसी का नाम प्यार होता है !

जिंदगी गुजर जाये पर प्यार कम न हो,
याद रखना हमें चाहे पास हम न हो,
क़यामत तक चलता रहे दोस्ती का सफर,
दुआ करना रब से ये रिश्ता कभी कम न हो !

बस खुशीयाँ ही पायी हैं तेरे इश्क की छाँव में,
कई मंजिले पायी हमने इस इश्क की राहो में,
एक प्यार तेरा पाकर लगता है पा लिया है सब कुछ,
बस आखिरी ख्वाहीश है दम निकले तेरी बाँहो मे|

बदलना आता नहीं हम को मौसमों की तरह,
हर एक रूप में तेरा इंतज़ार करते हैं!
न तुम समेट सकोगी जिसे कयामत तक,
कसम तुम्हारी तुम्हें इतना प्यार करते हैं!

तुम्हारे प्यार में हम बैठें हैं चोट खाए!
जिसका हिसाब न हो सके उतने दर्द पाये!
फिर भी तेरे प्यार की कसम खाके कहता हूँ!
हमारे लब पर तुम्हारे लिये सिर्फ दुआ आये !

आपके आने से ज़िन्दगी कितनी खूबसूरत है!
दिल में बसाई है जो वो आपकी ही सूरत है!
दूर जाना नहीं हमसे कभी भूलकर भी!
हमे हर कदम पर आपकी ज़रूरत है!

प्यार तो ज़िन्दगी का अफसाना है!
इसका अपना ही एक तराना है!
पता है सबको मिलेंगे सिर्फ आंसू!
पर न जाने दुनिया में हर कोई क्यों इसका दीवाना है!

Monday, June 23, 2014

कागज पे आंसूओ के सिवा और कुछ नही 
बाद अज़ सलाम उसने लिखा और कुछ नहीँ


दिल का हरेक जख्म लहू थूकने लगा 
उस से बिछड़ के मुझ को हुआ और कुछ नहीँ 


जैसे ही चराग हवा ने बुझा दिया
समझो हयात इस के सिवा और कुछ नहीँ


उसने जो मेरी बात का हंस कर दिया जवाब 
मालूम ये हुआ कि वफा और कुछ नहीँ

खुशियोँ के क़ाफले करेँ हर पल तेरा तवाफ
होँटोँ पे अपने इसके सिवा और कुछ नहीँ
तुम बिन ज़िन्दगी में वीरानी सी छाई है 
शाम भी तेरी यादों का सैलाब लेकर आई है 

आज भी महरूम हूँ तेरे प्यार से 
तुमसे दिल लगाने की सजा क्या खूब मैंने पाई है 

ये मेरी खता है की तुझको अपना खुदा बना बैठा 
फितरत में तो तेरी आज भी बेवफाई है 

फिर भी दुआ है मेरी हर ख़ुशी मिले तुझको 
किस्मत में तो अपनी बस तन्हाई है

बिखरती रेत पर किस नक़्शे को आबाद रखेगी?
वो मुझको याद रखे भी तो कितना याद रखेगी?
उसे बुनियाद रखनी है अभी दिल में मुहब्बत की
मगर ये नींव वो मेरे बाद रखेगी!
पलट कर भी नहीं देखी उसी की ये बेरुखी हमने!
भुला देंगे उसे ऐसा कि वो भी हमें याद रखेगी !!!

शब्द अकल वालों ने तो मतलब से रच डाला !
शब्दों की भाषा क्या समझेगा कोई दिलवाला !!
जब जब दिलवालों ने कुछ भी कहना चाहा !
या तो नज़रों से कह पाए या अश्रु गिरा डाला !!

जब भी तुझसे मेरा सामना हो गया 
उस घड़ी मेरा 'मैं' , लापता हो गया
तुमने भूले से नाम ए वफ़ा क्या लिया
मेरा जख्म ए जिगर फिर हरा हो गया
क़त्ल करते हैं जो , पूछते हैं वही
कुछ तो कहिये तो क्या माजरा हो गया 
दुश्मनों की तरफ से फिकर अब नहीं 
दोस्ती में दग़ा , सौ दफ़ा हो गया 
इस जमाने में विज्ञान की खैर हो 
मौत का अब सरल रास्ता हो गया 
जिसने दुनिया को जीता वो इंसान 
जिसने खुद को ही जीता, खुदा हो गया

Saturday, June 21, 2014

उसे चाहा है मैंने इस शिद्दत से 
उसकी हर ख्वाइश का ख्याल रखा है 
उसे सर आँखों पर बिठा कर
उसकी हर ख़ुशी को संभाल रखा है 
उसके दिल को अपने दिल से जोड़कर 
उसे अपने दिल के करीब रखा है 
उसे अपनी आगोश में छुपा कर 
उसे खुद से ज्यादा अज़ीज़ रखा है

पलकें ज़रा उठा कर एक बार देखिये, 
थोडा सा मुस्कुरा कर एक बार देखिये
ऐ माहताब-ए-हुस्न अँधेरा है चारों ओर, 
रुख से नकाब उठा कर एक बार देखिये
छुपने लगा है चाँद घटाओं की ओट में, 
जुल्फें ज़रा हटा कर एक बार देखिये
दे देंगे जान आपके क़दमों में हम हुज़ूर, 
शम्मा-ए-वफ़ा जला कर एक बार देखिये
तरसेंगे आप भी नीद को मेरी तरह, 
ये दिल हमसे लगा कर एक बार देखिये
इस पुर फरेब दौर का शिकवा बजा बगर, 
इस नाचीज़ को एक बार आजमा कर देखिये
क्यूँ बैठी हो उदास मेरी हाँ के इंतज़ार में, 
अपना हमें बना कर एक बार देखिये !!!


जो पत्थर तुमने मारा था मुझे नादान की तरह
उसी पत्थर को पूजा है किसी भगवान की तरह

तुम्हारी इन उँगलियों की छुअन मौजूद है उस पर
उसे महसूस करता हूँ किसी अहसान की तरह

उसी पत्थर में मिलती है तुम्हारी हर झलक मुझको
उसी से बात करता हूँ किसी इनसान की तरह

कभी जब डूबता हूँ मैं उदासी के समंदर में
तुम्हारी याद आती है किसी तूफ़ान की तरह

तुम आए हो जिंदगी में कहानी बनकर !
तुम आए हो जिंदगी में रात की चांदनी बन कर !!
बसा लेते हैं जिंदगी हम आँखों में !
तुम अक्सर निकल जाती हो आँखों से पानी बन कर !

एक पल का एहसास बनकर आती हो तुम !
दुसरे ही पल खुशबू के तरह उड़ जाती हो तुम !!
जानती हो डर लगता हैं तनहइयो से हमें !
फिर भी तनहा हमें छोड़ जाती हो तुम !!

दिन हुआ है तो रात भी होगी,
हो मत उदास कभी तो बात भी होगी,
इतने प्यार से दोस्ती की है
खुदा की कसम जिंदगी रही तो मुलाकात भी होगी.
खुशबू की तरह आपके पास बिखर जायेंगे,
सकुन बन कर दिल में उतर जायेंगे,
महसूस करने की कोशिश तो कीजिये,
दूर होते हुए भी पास नज़र आयेंगे

Friday, June 20, 2014

हर दुआ काबुल नहीं होती ,
हर आरजू पूरी नहीं होती ,
जिन्हें आप जैसे दोस्त का साथ मिले ,
उनके लिए धड़कने भी जरुरी नहीं होती

अपनी ज़िन्दगी में मुझे शरिख समझना
कोई गम आये तो करीब समझना
दे देंगे मुस्कराहट आंसुओं के बदले
मगर हजारों दोस्तो में अज़ीज़ समझना

सितारों के बीच से चुराया है आपको
दिल से अपना दोस्त बनाया है आपको
इस दिल का ख्याल रखना 
क्योंकि इस दिल के कोने में बसाया है आपको

महक दोस्ती की इश्क से कम नहीं होती
इश्क से ज़िन्दगी ख़तम नहीं होती
अगर साथ हो ज़िन्दगी में अच्छे दोस्त का
तो ज़िन्दगी जन्नत से कम नहीं होती