Tuesday, February 28, 2023

प्यार प्राण है, प्यार इबादत, 
प्यार मधुर हाला है

प्यार का नशा सबसे बढ़ कर,
प्यार मदिर प्याला है

प्यार बिना निष्प्रभ जीवन है,
जग लगता मरुथल सा,

डूब डूब कर पियो प्यार की मदिरा, 
प्यार मधुशाला है ...!!

~~~~ सुनिल #शांडिल्य
खुदा किसी के नसीब में,इंतजार ना लिखें
इस आलम में,किसी को सुख चैन ना दिखे

जिसको मिल जाए,यह इंतजार का तोहफा
उसे फिर हर,अनमोल तोहफा बेकार दिखे

हर पल आंखों में,रहता है कुछ नशा सा
हर पल दिल रहता है,कुछ खोया सा

लगता है कि अब आया है,कोई यहां से‌
अगले ही पल नहीं,दिखता कोई कही से

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

Monday, February 27, 2023

लो आसमान सी फैल उठीं
वो नीली आँखें...
लो उमड़ पड़ीं सागर सी 
वो भीगी आँखें...
मेघश्याम सी घनी-घनी
वो कारी आँखें...
मधुशाला सी भरी-भरी 
वो भारी आँखें...
एक भरे पैमाने सी जब 
छलकी आँखें...
दिल मानो थम सा गया 
लेकिन धड़कीं आँखें...
ओस में डूबी झील सरीखी
वो नम सी आँखें...

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

Sunday, February 26, 2023

सौंदर्य,सुगंधित,अप्रतिम तुम
लावण्य,रूप का,संगम तुम

कुंतल,केश,चपल नयना तुम
साँवली,सलोनी,सबला तुम

रूप,माधुर्य का,मेल हो तुम
तीखे,नयनों का,जाल हो तुम

भीगे होठों के,जाम हो तुम
सरल,सरस,स्निग्धा,हो तुम

प्रेम,त्याग की मूरत हो तुम
लय और ताल की सरगम हो तुम

हे नारी!तुम सबसे,अनुपम हो

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

Friday, February 24, 2023

ज़र्द पत्ते झड़ गए है,
आ गए पत्ते नए..
शरद के जाते ही मौसम,
ने है बदली रंग है..
मौसमें गुलज़ार है अब,
फिज़ा में फैली बहार है..
कोयल की कहीं कुक गूंजे,
कहीं गूंजे चिडियों की कलरव..
प्रकृति देखो हुई जवां है,
धरती ओढ़ी पीली चादर..
फागुन ने मदहोश किया,
सब पर चढ़ गया जवानी का रंग..

~~~~ सुनिल शांडिल्य

Thursday, February 23, 2023

गहरे भावों से पुरित हो,
मित्रता निभाने आयें हैं ।
अब जाकर एहसास जगा है,
तब फूल गुलाब के लायें हैं ।
अरमानों से सजे हुए,
हम चाहत भरकर लाएं हैं ।
कर लेना स्वीकार,
प्रकृति ने प्रेम- पुष्प बरसायें हैं ।

~~~~ सुनिल #शांडिल्य
लहरों के उद्दाम
वेग सी
चातुर्मास के बरसते
मेघ सी ......तुम !

एक अँजुरी नदी की
धार सी
सत मोतिकाओं के
अनुपम हार सी ....तुम !

मनभावन प्रिय
मनमीत सी
रात में गाये हुए
गीत सी ....तुम !

कवि के गन्ध रचती
छंद सी
सम्बोधनहींन
अनुबन्ध_सी.....तुम !
सिर्फ तुम!!!

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

Tuesday, February 21, 2023

अंजाम जो भी हो अब अंजाम से डरना कैसा
इश्क़ तो इबादत है इबादत से मुकरना कैसा

मोहब्बत में दो रूहों का होता है मिलन
जिस्म गर बिछड़ भी जाएं तो बिछड़ना कैसा

देखा पहली बार तुम्हें जब 
यह सचमुच आभास नहीं था
बनजाओगे दिलकी धड़कन
किंचित भी अहसास नहीं था
सिर्फ कनखियों से चुपचुप मैं
अक्सर तुमको देखा करता
लाख बचाया करता नज़रे
देखे बिना न जियरा रहता
शायद विधिविधान के चलते
एकदिवस टकराई अँखियाँ
सूनेसूने मन आँगन में 
शेष तुम्हारी केवल सुधियाँ

~~~~ सुनिल #शांडिल्य
जो नज़्म बरबस हाथों में मचलती है
तुम लिखो, बस वही नज़्म लिखो!
तुम्हारे दिल से लिखे लफ़्ज़
किसी का दिल ही पढ़ता है
हमदिली का यह लम्बा सफ़र
एहसास पल में तय करता है
जज़्बातों की स्याही डाल
सच की नोंक से कुरेद रफ़ू करो
रूह पर पड़ा पुराना चाक कोई
या फिर नादान ज़ेहन से हटा दो
किसी फरेब का नक़ाब कोई!
जेहनी लोगों की सयानी बातों ने
घोलें हैं हवा में ज़हर कई
तुम अपनी दिवानगी के लफ़्ज़ों से
बख़्श दो ,घुटती साँसों को
साफ़ हवा का झोंका कोई
लिखो तो कुछ ऐसा लिखो
पढकर जिसे कुछ टूटे ख़्वाबों को
साझे आसमान में नयी परवाज़ मिले

~~~~ सुनिल #शांडिल्य
मत सोचो क्या लिखना है
और क्या किसने पढ़ना है
लिखो जो तुम्हारा दिल कहे
मत सोचो कि कब लिखना है
लिखो जब दिल थमा के क़लम
हाथों से तुम्हारे जिद कर कहे
लिखो! बस अभी लिखना है!
लिखो मत जो तुमने पढ़ा किताबों में
लिखो वो जो ज़िंदगी ने पढ़ाया तुम्हें
ख़ुद को और अपनों को पढ़कर कर

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

Sunday, February 19, 2023

देशभक्त कौन_है ???

वो भी तो हैं जो
भारत दर्शन को जाते है
पुरानी ऐतिहासिक इमारतों को
खराब नही करते 
कुछ योगदान उनका भी है

वो भी तो हैं जो
सरकारी दफ्तरों में जाते हैं
अपना काम कराने को
टेबल के नीचे से कुछ नही देते
कुछ योगदान उनका भी है

वो भी तो हैं जो
रेलगाड़ी में सफर करते है
"सरकारी संपत्ति आपकी अपनी है"
कहकर चीजे बर्बाद नही करते
कुछ योगदान उनका भी है

वो भी तो हैं जो
अपनी गाड़ी में ही
एक कचरे का डब्बा रखते हैं
यहां वहां ना उछाल कर
अपना कचरा उसमे ही फेकते हैं
कुछ योगदान उनका भी है 

~~~~ सुनिल #शांडिल्य
पहाड़ों की सर्द हवाओं के बीच मै और तुम
गुनगुनी धूप में कड़क चाय के साथ मैं और तुम

कभी निहारते ऊंची चोटियों को या एक दूसरे को
यादों को साझा करते हए ख़ामोशी को लपेटे हुए

सुकून ढूंढते. बादलों को निहारते हुए मैं और तुम
आँचल में,हाथों में हाथ डाले चल पड़े मैं और तुम

~~~~ सुनिल #शांडिल्य
कैसे बताऊं मैं तुम्हे
मेरे लिए तुम कौन हो
कैसे बताऊं मैं तुम्हे
तुम धड़कनों का गीत हो
जीवन का तुम संगीत हो
तुम ज़िन्दगी तुम बन्दगी
तुम रौशनी तुम ताज़गी
तुम हर खुशी तुम प्यार हो
हर_पल में तुम हर चिर में तुम
मेरे लिए सागर भी तुम
मेरे लिए साहिल भी तुम

~~~~ सुनिल #शांडिल्य
एक खूबसूरत, एहसास हो तुम
दूर हो, मगर पास हो तुम

देखता रहूं, हर पल तुम्हें
बुझे नहीं, वो प्यास हो तुम

मिलती है यूं तो, सूरतें हजारों
तुम सा नहीं, खास हो तुम

रहते हो, मेरे दिल में तुम
तुम ही धड़कन, श्वास हो तुम

हर रात, रहते ख्वाबों में तुम
मेरी सुबह की, आस हो तुम

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

Friday, February 17, 2023

आह से, कराह से, सिसकी से,रोदन से,
आंसुओं से भीग रहे नेह भरे आंचल से,
मेघों के गर्जन और तड़ित संग वर्षा से,

भीगे जो तन मन ये अंधियारी रातों में,
फिर भी न ज्वाल बुझे तन मन जलाए जो,

टूट गया मन की जो वीणा का एक तार,
स्वर की संगीत की गायन की वादन की,

तृषा है समुंदर सी,जल की न बूंद किंतु
अटक गए प्राण ज्यों,कंठ में हैं कंटक से

अब तो न बाकी है,धैर्य मेरा किंचित भी
सदियों से तेरे बिना जो कि कभी संचित था

आस भी है टूट चली,अब तो प्रतीक्षा की
प्यासी है हर सांस प्यासा यह जीवन है

अब है अधीर मन विह्वल है तेरे बिन
आ जाओ एक दिन

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

Wednesday, February 15, 2023

हे प्रिय, मैं नहीं जानता कि,
यह ढाई अक्षर प्रेम का क्या है?
क्या तुम्हारे अप्रतिम लावण्यमय,
ऋतुराज में पुष्पित पल्लवित महकते उपवन से,
पलागमों से लदी सुगन्धित वृन्तियों से,
इंद्रधनुषी रंगों की छटाओं को,
पराभूत करते हुए, योवन भार से लदे,
रूप सौंदर्य को,
अपलक निहारते रहना
या,
तुम्हारे कमनीय,रमणीय,रससिक्त,स्नेहिल,
अंगों की कोमलता का स्पर्श अथवा,
तुम्हें अंकपाश में लेकर,
निज स्कंध पर तुम्हारी सुगंधित केशराशि को,
बिखराने की आकांँक्षा,
सांसो में सांसों का घुलना,
मात्र इतना नहीं है मेरा प्रेमाख्यान अपितु,
इससे कहीं आगे बहुत आगे
सारे बंधनों की सीमाओं से परे,
और ही कुछ है जो मुझे कहना है,
तुम्हारे समक्ष अपनी कविता के शब्दों में।
नश्वरता से शाश्वतता की ओर,
दो आत्माओं के परस्पर मिलनोपरान्त,
देशकाल की सीमाओं और बंधनों से परे,
एक अनावेशी स्तंभ पर,जाकर ठहर जाना,
और एकाकार होकर,
अनंत काल तक रहना है।

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

Monday, February 6, 2023

हृदय से आज तो मैं आपका आभार करता हूं 
प्रणय के सारथी तुमसे युगों से प्यार करता हूं। 

हिलोरें ले रही नौका, मुझे मझधार में ले चल, 
तुम्हारी हर‌ भंवर से नेह का व्यापार करता हूं। 
प्रणय के सारथी तुमसे युगों से प्यार करता हूं। 

प्रलय की गर्जना भी आज हमको न रोक पायेगी,
कहां साहस है मेरी मौत भी अब लौट जायेगी।

तुम्हारे ही लिए मधुमास का संभार करता हूं। 
तेरी कलुषित घृणा का प्रेम से प्रतिकार करता हूं।
प्रणय के सारथी तुमसे युगों से प्यार करता हूं। 

~~~~ सुनिल #शांडिल्य
तेरे बारे में क्या लिखूं
तुझे सोचूँ तो
ख्वाब बन जाते हो..
तुझे देखूं तो
सपना...
तुझे छू लूँ तो
ख्वाहिश बन जाते हो..
तुझे मांगू तो
मन्न्त...
तुझसे बात करूं तो...
आदत बन जाते हो
तुझे पा लूँ तो
जन्न्त
और
तेरे बारे में क्या लिखूं
तुझे जी लूँ तो
जिंदगी बन जाते हो...!

~~~~ सुनिल #शांडिल्य
जिंदगी चल रही है 
आहिस्ता आहिस्ता
सांसो से सांसो की गुफ्तगूं
आहिस्ता आहिस्ता

नादान से सवाल है दिल से
क्यों गम ही गम सिमट रहा जिंदगी में
आहिस्ता आहिस्ता

बहुत फलसपां सुना था ऐ जिंदगी
जब रुबरु हुए तुझसे
आहिस्ता आहिस्ता

उम्मिदों का साया लिपट गया
कफन से आहिस्ता आहिस्ता

मेरे दर्दो गम में किसी का साथ नहीं,
खुशियों में साथ देने वाले चल दिए
आहिस्ता आहिस्ता...

ये मौसम का सितम था या उनका,
मिजाज बदला भी तो 
आहिस्ता आहिस्ता....

~~~~ सुनिल #शांडिल्य
आँखों में आँसू और मुस्कुराना लिखेंगे,
ख्वाब ख्वाहिश अफ़साना लिखेंगे |

इतनी जल्दी हार मान जाएं मुमकिन नहीं,
हर पन्ने पर हँसी का ख़ज़ाना लिखेंगे |

उम्मीदों पर ग़र टिकी है दुनिया तो टिकी रहने दो,
साथ उम्मीदों के हम भी निभाना लिखेंगे |

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

Saturday, February 4, 2023

एक नशा सा मुझमे जगाने लगी.. हैं तेरी सादगी ...
क्या ये भी अदाओं का हिस्सा ही..हैं तेरी सादगी
अश्क जब लाती हो आँखो में ....तुम अपने 
ये छलकते जाम ओर बढ़ा जाती..हैं तेरी सादगी 
देख तुझे आत्मीयता का एहसास होता हैं मुझे 
शिवालयो में बजे पवित्र शंख सी ..हैं तेरी सादगी 

~~~~ सुनिल #शांडिल्य
तुम्हें आया ही नहीं पढ़ना , 
ये आंखें खुली किताब थी मेरी ,, 
तुम खामखां......
अलफ़ाजों में ही उलझे रहे ....
ये खामोशियाँ लाजवाब थी मेरी .....
आया ना हमको प्यार जताना...
प्यार कभी से तुझे करते हैं....
भोलापन तेरा भा गया हमको....
सादगी पर तेरी मरते हैं....
तेरी याद में ज़रा आँखें भिगो लूँ
उदास रात की तन्हाई में सो लूँ

अकेले ग़म का बोझ अब संभलता नहीं
अगर तू मिल जाये तो तुझसे लिपट कर रो लूँ

तेरी सादगी तेरे ख्याल,
तेरी हर अदा कमाल है,

मुझे फख्र है, मुझे नाज़ है,
कि तू सबसे अलग और बेमिसाल है 

आंसुओं की बूँदें हैं या आँखों की नमी है
न ऊपर आसमां है न नीचे ज़मी है

यह कैसा मोड़ है ज़िन्दगी का
उसी की ज़रूरत है और उसी की कमी है

नींद आएगी नहीं उसे किसी भी सूरत में 
आँखों में बे-हिसाब मेरे ख्वाब रखता है

~~~~ सुनिल #शांडिल्य
 सादगी तुम्हारी हम को लुभा_रही है
उसपे ये शब सुहानी दिल को जला रही है।।
होठों पे जाने कब से हर बात थे दबाए
खामोशियों के किस्से धड़कन सुना_रही है।।
वो शाम ज़िन्दगी की हर धुन सुना_रही थी
ये शाम विरह वाली हमको रूला_रही है।।

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

Friday, February 3, 2023

याद आ रहा है
वो प्यारा साथ_तुम्हारा
धीरे से कुछ कहना
और मेरा मुश्कुरा देना
लम्हें शदियों में बदल गए हैं
एक रविवार का वो इंतजार
तुम्हारा धीरेसे हाथ थामना
चाय कहकर धीरे से मुश्कुराना
याद आता है अक्सर वो गुजरा हुआ जमाना
चाय और तुम
तुम औऱ चाय
न वो स्वाद
न वो चाह
न वो सुकून
न वो नीम की छांव
जहां हर रविवार.....…
तुम और तुम्हारी चाय का इंतजार हुआ करता था।।
चाय का हर घूँट कितनी देर चला करता था,
अब तो चाय कभी कभी पानी बन जाती है।
भागती जिंदगी कहाँ सुकून पाती है ।।
हरी, काली,चाय भी कितने रंग दिखाती है।।।।।।।

~~~~ सुनिल #शांडिल्य
यूं सताया मत करो
दूर जाया मत करो 

प्रेम छुपता है कहीं ?
मुंह छुपाया मत करो 

चार दिन की जिंदगी 
वक्त जाया मत करो

टूटकर चाहा तुम्हें
आजमाया मत करो

है बहुत दुनियां बड़ी
यह बताया मत करो

~~~~ सुनिल #शांडिल्य
बहुत थक चुका हूं आंखों से 
अब कितने आंसू और बहाऊंगा
सुनसान राह में भी आवाज़ लगा कर 
मैं सबको और जगाऊंगा
ऐ ज़िन्दगी तेरी किताब के पन्ने पलट कर 
मैं मिलने न आऊंगा
तुम हमें तलाशते रह जाओगे और 
मैं नज़रों से दूर हो जाऊंगा
अंधेरे घर में बैठ कर तुझे याद करतेकरते 
मैं तन्हा हो जाऊंगा
मगर ये याद रखना तुझे भूलकर 
मैं न कभी ज़िंदा रह पाऊंगा
मैं ज़िंदा हूं तेरे बदौलत जबभी 
याद करोगे करीब आ जाऊंगा
हो सकेगा तेरी आवाज़ में 
आवाज़ बनकर दर्द सुना जाऊंगा
धूपछांव का तमाशा क्यूं देखूं 
गर दर्द बढ़ाओगे मिट जाऊंगा

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

Thursday, February 2, 2023

जन्म-जन्मांतर तक रहे, प्रिया तुम्हारा_साथ
जीवन सफर में साथ दोगी,न छोड़ोगी मेरा हाथ 

हमदम, हमकदम बन चलेंगें जीवन-पथ पर 
तमन्नाएँ पूर्ण करने को,सँवार होंगे सुनहरे रथ पर

हसरतें भी तुमसे,चाहत भी तुमसे जाने-जाँ
मेरी वफा पर कर यकीं,बात मेरी तुम मानो ना

तेरे तबस्सुम की शोख़ बिजलियाँ,साथ मेरी सरगोशियाँ
गर तुम आ गई तो दूर हो जाएगी,मेरी समस्त तनहाइयाँ

तुम ही हो मेरी ग़ज़ल,शेरो-शायरी भी तुमसे है
तेरी आँखों की मस्तियों में डूबा,मुझको प्यार तुमसे है

मेरे सपनों में तू,मेरी ख्वाहिश भी है तू 
उल्फत में मेरी खुशियों की,सौगात भी तू 

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

Wednesday, February 1, 2023

तुम्हारे थे हर पल तुम्हारे रहे है
यही बात सबको बताते रहे है

गज़ब की अदा व अजब तेरी शोखी 
दिन रात हम उन पर ही मरते रहें है 

गागर में सागर और सागर से मोती
मुहब्बत में भर भर लुटाते रहे है

नज़र से नज़र को नज़र की इनायत
नज़र में छिपा के दिखाते रहे है

नही छोड़ा हमने कभी सच का दामन
निगाहों में   सबकी  ही   खलते रहे है

करने को बातें बहाने से आते 
वही कनखियों से निकलते रहे है

बता दो मुझे यार क्या ही करूँ मैं
अश्कों से दामन भिंगोते रहे है

यक़ी तुम करो या करो न भरोसा
तेरी आशिक़ी में हम जलते रहे है

~~~~ सुनिल #शांडिल्य