Thursday, August 7, 2014
मेरी आँखों में मुहब्बत के जो मंज़र है,
तुम्हारी ही चाहतों के समंदर है ,
में हर रोज चाहता हु की तुझसे ये कह दू मगर
लबो तक नहीं आता , जो मेरे दिल के अन्दर है!!!!!
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment