Saturday, May 31, 2014


महफ़िल बनी रही युही तुम्हारी
चाहे बिखर जाये ये ज़िन्दगी हमारी
दीवानगी इस क़दर बढ़ गयी है
के सह ना पाए एक पल जुदाई तुम्हारी

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