Wednesday, June 25, 2014
हमारें आंसू पोछ कर वो मुस्कुराते हैं,
इसी अदा से तो वो दिल को चुराते हैं,
हाथ उनका छू जाए हमारे चेहरे को,
इसी उम्मीद में तो हम खुद को रुलाते हैं.
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment