जो पत्थर तुमने मारा था मुझे नादान की तरह
उसी पत्थर को पूजा है किसी भगवान की तरह
तुम्हारी इन उँगलियों की छुअन मौजूद है उस पर
उसे महसूस करता हूँ किसी अहसान की तरह
उसी पत्थर में मिलती है तुम्हारी हर झलक मुझको
उसी से बात करता हूँ किसी इनसान की तरह
कभी जब डूबता हूँ मैं उदासी के समंदर में
तुम्हारी याद आती है किसी तूफ़ान की तरह
उसी पत्थर को पूजा है किसी भगवान की तरह
तुम्हारी इन उँगलियों की छुअन मौजूद है उस पर
उसे महसूस करता हूँ किसी अहसान की तरह
उसी पत्थर में मिलती है तुम्हारी हर झलक मुझको
उसी से बात करता हूँ किसी इनसान की तरह
कभी जब डूबता हूँ मैं उदासी के समंदर में
तुम्हारी याद आती है किसी तूफ़ान की तरह
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