Thursday, October 30, 2014

मोहब्बत के सपने दिखाते बहुत हैं !
वो रातों में हमको जगाते बहुत हैं !!
मैं आँखों में काजल लगाऊ तो कैसे !
इन आँखों को लोग रुलाते बहुत हैं !!

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