Tuesday, November 25, 2014
बस इतना ही है मेरी मोहब्बत का फसाना।
मैं रोता हूं हंसता है मुझ पर जमाना।।
दिल के टूटे हुए तार यही कहते हैं
मर जाना पर किसी से दिल ना लगाना।।
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment