Monday, November 24, 2014

कोई दौलत, कोई तख्तोताज के दीवाने हैं।
कोई ताजमहल, कोई मुमताज के दीवाने हैं।।
शरमा कर मत छुपा चेहरे को पर्दे में।
हम चेहरे के नहीं तेरे दिल के दीवाने हैं।।

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