Monday, November 24, 2014
तूफान-ए-सागर के जज्बातों को गले लगा लो।
अपने प्यार की गंगा सागर में मिला दो।।
मैं कब तक रहूं प्यासा
,
मैं क्यों रहूं प्यासा।
मुझे सागर बना दो
,
सागर बना दो मुझे सागर बना दो।
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment