Tuesday, December 30, 2014
प्यासे को इक कतरा पानी काफी है
,
ईश्क मे चार पल की जिंदगी काफी है
,
डुबने को समँदर मे जायेँ क्यो
,
उनकी पलको से टपका वो आँसु ही काफी है
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment