Monday, December 22, 2014
होंठ कह नही सकते जो फ़साना दिल का
,
शायद नजरों से वो बात हो जाए
,
इसी उम्मीद में इंतजार करते हैं रात का
,
कि शायद सपनों मे ही मुलाकात हो जाए.
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