Friday, January 2, 2015
मुझ से बड़ा बदनसीब कोई इस जहां में नही
;
उम्र गुजरी है मेरी गमे हबीब के साथ
,
इतना गरूर है गर मुर्दों को नींद पे अपनी
;
तो सो ले शर्त लगा कर मेरे नसीब के साथ.
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