यूं चलते फिरते रहूँ मैं,जब तुम हमसे
टकराओगे ,
दिल की बात कहोगे पर,तुम हमसे कह नहीं पाओगे,
रोते हुए जब देखोगे ,तो भी दिल तुम्हारा रोएगा,
तुम अपना हाथ बढ़ाओगे,पर आंसू न पोछ पाओगे,
जब तुमसे कुछ कहूँगा मैं,तो अनसुना तुम करोगे,
मेरी बात सुन्ना चाहोगे,पर अफ़सोस …. सुन न पाओगे,
जब काग़ज़ पर मद – होशी से,की तुम जो मेरा नाम लिखोगे ,
उस नाम को छूना चाहोगे,पर लिखकर तुम मिटाओगे,
दिल की बात कहोगे पर,तुम हमसे कह नहीं पाओगे,
रोते हुए जब देखोगे ,तो भी दिल तुम्हारा रोएगा,
तुम अपना हाथ बढ़ाओगे,पर आंसू न पोछ पाओगे,
जब तुमसे कुछ कहूँगा मैं,तो अनसुना तुम करोगे,
मेरी बात सुन्ना चाहोगे,पर अफ़सोस …. सुन न पाओगे,
जब काग़ज़ पर मद – होशी से,की तुम जो मेरा नाम लिखोगे ,
उस नाम को छूना चाहोगे,पर लिखकर तुम मिटाओगे,
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