Thursday, February 12, 2015

मुझसे परदा है तो फिर ख्वाब मे आते क्यू हो..
प्यार की शमा मेरे दिल मे जलाते क्यूँ हो..
अलविदा कहने को आए हो तो फिर मिलना कैसा..
है बिछड़ना तो गले लगते क्यूँ हो

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