Wednesday, February 4, 2015
फिर चाँद खिला
,
फिर रात थमी
,
फिर दिल ने कहा
,
है तेरी कमी
,
फिर यादो के झोके महक गये
,
फिर पागल अरमान बहक गये
,
फिर जन्नत सी लगती है ज़मीन
,
फिर दिल ने कहा
,
है तेरी कमी
,
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