Thursday, February 26, 2015

हर इंसान सपनो का जन्हा बनता है,
पर वो सपना ही रह जाता है,
पंछी उड़कर आसमान तक जाते तो है,
पर कुछ जमीन से उड़ ही नही पाते है,
कुछ के सपने सपने ही रह जाते है,
तो कुछ का सपना साकार हो जाता है,
हर इंसान सपनो का जन्हा बनता है...............
पंछी घरोंदो में जाकर सपने तो सजाते है,
पर आँख खुलने पर सपनो से दूर हो जाते है,
जब नए रिश्ते बनते है तो पुराने छुट जाते है,
नए रिस्तो में दिल ख़ुद को भूल जाता है,
हर इंसान सपनो का जन्हा बनता है.........

आँखे जब बंद है तो सपनो की दुनिया दिखती है,
खुली जब आँखे तो अपनों की दुनिया मिलती है,
कितने अनजान रिश्ते है ये दिल सहम जाता है,
याद करू कुछ और,कोई और याद आता है,
हर इंसान सपनो का जन्हा बनता है............


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