Thursday, March 19, 2015
दर्द इश्क का जब से दिल को गवारा हो गया
मेरे तसव्वुर में हर तरफ़ तेरा नजारा हो गया
अक्सर लहराती बर्क़ सीने में
,
ये समझाती है
कोई जन्नत से जमी पे उतरा
,
हमारा हो गया
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