Sunday, March 15, 2015
उठाये जिस के लिए गम मैंने
,
यह वो ख़ुशी तो नही
छुपाके अश्क मुस्कुराये
,
मगर यह वो हसी तो नही
निकला था कहा जाने को और पोह्चा हू किस मंजिल पे
जिसके लिए इस दुनिया मे आया
,
यह वो जिन्दगी तो नही
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