Thursday, March 26, 2015
कैसे न कहे तुमको खुदा
,
सजदे में तेरे सर झुका जाता है
कैसे न करे तुमसे वफ़ा
,
कदमो में तेरे दिल रुका जाता है
कुछ तो बात है तुझमे यहाँ
,
जो किसी और में नही
कैसे न छाए दिल पे नशा
,
ये बस तुम्हारा हुवा जाता है
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