Wednesday, March 11, 2015

किसीकी याद मे तड़पता है ये दिल
एक आरजू लिए धड़कता है ये दिल 

लाख हो मैखाने इस शहर मे लेकिन 
एक तेरे ख़याल से बहकता है ये दिल 

तेरी जुल्फ से गिरा वो फुल,सीने से लगाया मैंने
फुल से जियादा अब महकता है ये दिल

दिखलाके एक झलक जाने वो कहा खो गए 
कहा कहा न जाने अब भटकता है ये दिल

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