Wednesday, March 11, 2015

जिंदगी मिलती नही और कमबख्त मौत भी आती नही
टूटता भी नही जाम खाली और शराब भी मिलती नही
अँधेरा ही अँधेरा है जिस जानिब देखू मैं
सुबह भी होती नही और रात भी ढलती नही

No comments:

Post a Comment