Friday, April 24, 2015
हर गुनाह का इल्जाम,आखिर मुझपे आये क्यों
ना-खतावार हो के भी हम,ऐसी सजा पाए क्यों
उनकी बेवफाई का ताज्जुब,होता नहीं किसे भी
और मेरी वफ़ा को जमाना,सवालो में लाये क्यों
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