Wednesday, April 29, 2015
वो ख्वाब क्या हुवे
,
जो हकीकत की राह चले थे
वो चराग क्यों बुझे
,
जो अपनी दुनिया में जले थे
क्या आ के लौट ही जाना था
,
चमन से बहारो को
क्या दूर ही जाने को हम से
,
आखिर वो मिले थे
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment