कई बार रातों में उठकर दूध गरम कर लाती होगी
मुझे खिलाने की चिंता में खुद भूखी रह जाती होगी
मेरी तकलीफों में अम्मा, सारी रात जागती होगी !
बरसों मन्नत मांग गरीबों को, भोजन करवाती होंगी !
सुबह सबेरे बड़े जतन से वे मुझको नहलाती होंगी
नज़र न लग जाए, बेटे को काला तिलक, लगाती होंगी
चूड़ी ,कंगन और सहेली, उनको कहाँ लुभाती होंगी ?
बड़ी बड़ी आँखों की पलके,मुझको ही सहलाती होंगी !
सबसे सुंदर चेहरे वाली, घर में रौनक लाती होगी
अन्नपूर्णा अपने घर की ! सबको भोग लगाती होंगी
दूध मलीदा खिला के मुझको,स्वयं तृप्त हो जाती होंगी !
गोरे चेहरे वाली अम्मा ! रोज न्योछावर होती होंगी !
रात रात भर सो गीले में ,मुझको गले लगाती होगी
अपनी अंतिम बीमारी में ,मुझको लेकर चिंतित होंगीं
बच्चा कैसे जी पायेगा ,वे निश्चित ही रोई होंगी !
सबको प्यार बांटने वाली,अपना कष्ट छिपाती होंगी !
अपनी बीमारी में, चिंता सिर्फ लाडले ,की ही होगी !
गहन कष्ट में भी, वे ऑंखें , मेरे कारण चिंतित होंगी !
अपने अंत समय में अम्मा ,मुझको गले लगाये होंगी !
मेरे नन्हें हाथ पकड़ कर ,फफक फफक कर रोई होंगी !
मुझे खिलाने की चिंता में खुद भूखी रह जाती होगी
मेरी तकलीफों में अम्मा, सारी रात जागती होगी !
बरसों मन्नत मांग गरीबों को, भोजन करवाती होंगी !
सुबह सबेरे बड़े जतन से वे मुझको नहलाती होंगी
नज़र न लग जाए, बेटे को काला तिलक, लगाती होंगी
चूड़ी ,कंगन और सहेली, उनको कहाँ लुभाती होंगी ?
बड़ी बड़ी आँखों की पलके,मुझको ही सहलाती होंगी !
सबसे सुंदर चेहरे वाली, घर में रौनक लाती होगी
अन्नपूर्णा अपने घर की ! सबको भोग लगाती होंगी
दूध मलीदा खिला के मुझको,स्वयं तृप्त हो जाती होंगी !
गोरे चेहरे वाली अम्मा ! रोज न्योछावर होती होंगी !
रात रात भर सो गीले में ,मुझको गले लगाती होगी
अपनी अंतिम बीमारी में ,मुझको लेकर चिंतित होंगीं
बच्चा कैसे जी पायेगा ,वे निश्चित ही रोई होंगी !
सबको प्यार बांटने वाली,अपना कष्ट छिपाती होंगी !
अपनी बीमारी में, चिंता सिर्फ लाडले ,की ही होगी !
गहन कष्ट में भी, वे ऑंखें , मेरे कारण चिंतित होंगी !
अपने अंत समय में अम्मा ,मुझको गले लगाये होंगी !
मेरे नन्हें हाथ पकड़ कर ,फफक फफक कर रोई होंगी !
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