Thursday, June 11, 2015

चाँद, आसमां और सितारे,
कुछ भी नहीं सामने तुम्हारे;
तुम जब भी रखती हो कदम जमीं पर,
आके चूमते हैं कदम तुम्हारे|

No comments:

Post a Comment