Wednesday, June 24, 2015
एक टहनी
,
एक दिन पतवार बनती हैं
,
एक चिन्गारी
,
दहक कर अंगार बनती हैं
,
दोस्तों
,
पांव में रौंदी गई बेबस समझ कर
एक दिन वही मिट्टी
,
मीनार बनती हैं
,
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