Wednesday, July 22, 2015

रोने से जो करार मिलता तो हम भी रोते,
दुनिया के सितम य़ू हस के नहीं सहते,
हमारा ये हाल तो अपनों की मेहरबानी है,
वर्ना गेरो के दम पे इतना बर्बाद न होते...!!!

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