Sunday, August 9, 2015

" डर लगता है "

सपना पूरा होने से डर लगता है
अब तो रोने से भी डर लगता है
जीवन का अर्थ ना समज आया मुजे
अब तो खुद के होने से भी डर लगता है
झुंड से भी परेशान होता हूँ
अब तो एक छोटे से कोने से भी डर लगता है
समंदर की लहेरो को देखता हु
अब तो किनारे से भी डर लगता है
वक़्त भी बेचैन करता है
अब तो सोने से भी डर लगता है
सपना पूरा होने से डर लगता है

अब तों रोने से भी डर लगता है 

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