Thursday, September 10, 2015

अपने अपने जीने के अंदाज होते हे
जागती आंखो मे भी ख्वाब होते हे
जरूरी नहीं की गम मे आँसू निकले

मुसकुराती आंखो मे भी सैलाब होते हे

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