Monday, October 26, 2015
ऐसा कोई ज़िं
द
गीसे वा
दा
तो नही था
,
तेरे बिना जीने का कोई इरादा तो नही था
,
जाने कब टूटी डोर मेरे ख्वाबोंकि
,
ख्वाब से जागेंगे ये सोचा तो नही था
…
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