Friday, November 27, 2015

परवाह कर उसकी जो तेरी परवाह करे;
ज़िंदगी में जो कभी ना तन्हा करे;
जान बन कर उतार जा उसकी रूह में;
जो जान से भी ज़्यादा तुझसे वफ़ा करे!

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