Tuesday, December 1, 2015
अगर पत्थर के सिने मे भी कोई दर्द ए दिल होता
किसी शीशे को ये तोड़े
,
कभी मुमकिन नही होता
मसीहा ने जमाने को सिखाया राह पे चलना
मगर दुनिया मे कोई सच्चा मुसाफिर नही होता
.
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