Wednesday, December 2, 2015
मैं डूबा तो किनारे पे खड़ी थी दुनिया
,
हसने वालों मे मेरा मुक़द्दर भी शामिल था
…
रो रहा था जो जनाज़े से लिपटकर मेरे
,
कैसे कह दू के वही मेरा क़ातिल था
….
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