Wednesday, January 20, 2016

तन्हाई की यह कुछ ऐसी अजब रात है
तुझसे जुडी हुयी हर याद मेरे साथ है
तड़प रहा है तनहा चाँद बिना चांदनी के
इन अंधेरी रात में आज कुछ और बात है

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